साब ने लड़ाकू विमान बनाने के लिए अडानी समूह से किया करार
अमेरिका का अत्याधुनिक लड़ाकू विमान एफ-16 देश में ही बनाने के लिए टाटा और लॉकहिड मार्टिन के बीच हुए करार के बाद अडानी समूह ने भारत में लड़ाकू विमान 'ग्रिपिन' बनाने के लिए स्वीडन की रक्षा क्षेत्र की प्रमुख कंपनी साब के साथ समझौता किया है.
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भारतीय वायु सेना द्वारा सामरिक साझेदारी के जरिये मेक इन इंडिया योजना के तहत आने वाले समय में एक इंजन वाले लगभग सौ लड़ाकू विमान खरीदे जाने की योजना के मद्देनजर साब और लॉकहिड मार्टिन ने भारतीय कंपनियों से हाथ मिलाया है.
सरकार ने गत जुलाई में ही रक्षा खरीद नीति के महत्वपूर्ण अध्याय सामरिक भागीदारी को अंतिम रूप दिया था जिसके तहत विदेशी कंपनी रक्षा क्षेत्र में भारतीय भागीदार के साथ मिलकर मेक इन इंडिया के तहत लड़ाकू विमान, हेलिकॉप्टर, बख्तरबंद वाहन और पनडुब्बी बना सकती हैं.
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार वायु सेना जल्द ही इस सौदे की दिशा में पहला ठोस कदम उठाते हुए अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों से जानकारी देने के लिए अनुरोध पत्र जारी करेगी. दरअसल फ्रांस से दो इंजन वाले 126 बहुउद्देशीय लड़ाकू विमान की खरीद के सौदे के सिरे नहीं चढने के बाद से वायु सेना एक इंजन वाले विमानों की खरीद की योजना बनाने में लगी है. भारत ने फ्रांस सरकार से पूरी तरह से तैयार 36 लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए समझौता किया है.
लड़ाकू विमानों की बेहद कमी से जूझ रही वायु सेना को बूढे हो चुके मिग -21 और मिग -27 विमानों की जगह लगभग 200 लडाकू विमानों की जरूरत है जो देश में ही बनाये जाने वाले एक इंजन के लडाकू विमान तेजस के साथ मिलकर वायु सेना की जरूरतों को पूरा करेंगे.
वायु सेना की इस जरूरत के मद्देनजर लड़ाकू विमान बनाने वाली दुनिया की बडी कंपनियों की नजर यह सौदा हथियाने पर लगी है और इसे देखते हुए ही पहले लॉकहिड मार्टिन ने टाटा समूह के साथ मिलकर एफ -16 और फिर साब ने अडानी समूह के साथ मिलकर ग्रिपिन विमान बनाने के लिए हाथ मिलाया है.
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