जीएसटी : छोटे व्यापारियों को बिल से छूट
केंद्रीय राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने सोमवार को कहा कि सरकार वस्तुओं, खासकर जरूरी और दैनिक उपयोग वाले सामान की आपूर्ति और कीमत पर नजर रख रही है ताकि जीएसटी के क्रियान्वयन के बाद इसमें कोई समस्या नहीं हो.
केंद्रीय राजस्व सचिव हसमुख अधिया (File photo) |
पहली जुलाई से लागू किए गए माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के बारे में आशंकाओं को दूर करते हुए उन्होंने कहा कि छोटे व्यापारियों को बिल जारी करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि वे एकमुश्त योजना के अंतर्गत आते हैं और उन्हें एक तय कर का भुगतान करने की आवश्यकता है.
उन्होंने कहा कि 75 लाख रुपए से अधिक कारोबार वाले बड़े व्यापारियों को बिल जारी करने की आवश्यकता है लेकिन कंप्यूटर जनित बिल देने की आवश्यकता नहीं है. इनवायस संख्या के साथ हाथ से लिखा बिल काफी है और उसे रिटर्न में भरा जा सकता है.
अधिया ने कहा कि सरकार ने कंपनियों को तीन महीने के लिए संशोधित कीमत दिखाने के लिए अतिरिक्त स्टिकर के उपयोग की अनुमति दी है. जीएसटी लागू होने के बाद पहले से डिब्बाबंद वस्तुओं की कीमतों में संशोधन के बारे में कम-से-कम दो अखबारों में विज्ञापन देकर जानकारी दी जानी है.
उसके बाद संशोधित एमआरपी के लिए स्टिकर का उपयोग किया जा सकता है.
अधिया ने कहा कि पथकर, मंडी शुल्क और वाहनों के राज्यों में प्रवेश पर लगने वाला शुल्क जीएसटी में शामिल नहीं हैं और स्थानीय निकाय या राज्य सरकारें इसकी वसूली करती रहेंगी. वस्तुओं के प्रवेश से संबद्ध अन्य सभी शुल्क जीएसटी में समाहित हो गया है.
इसके कारण 22 राज्यों में प्रवेश बाधा को समाप्त कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि जीएसटी के क्यिान्वयन के बाद किसी प्रकार की बाधा की कोई रिपोर्ट नहीं है. राजस्व सचिव ने कहा कि केंद्रीय निगरानी समिति में 15 प्रमुख सचिव शामिल हैं. समिति की स्थिति का जायजा लेने के लिये हर मंगलवार को बैठक होगी. (भाषा)
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