राजमार्गों से हटायी गयी शराब की दुकानों से करीब 2,000 करोड़ के नुकसान का अनुमान
उच्चतम न्यायालय के आदेश पर राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर से शराब की 2,935 दुकानों के अभी तक नहीं खुलने से उत्तर प्रदेश सरकार को करीब 2000 करोड़ रूपये के राजस्व का नुकसान होने की अनुमान है.
(फाइल फोटो) |
न्यायालय द्वारा राजमार्गों पर से हटाई गयी शराब की दुकानों को 500 मीटर की दूरी पर एक अप्रैल से खोलने का निर्देश दिये गये थे. राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों से करीब 8,500 शराब की दुकानें हटाई गयी थीं जिनमें से 5,500 को निर्धारित समय में दूसरे स्थान पर फिर से शुरू किया गया है लेकिन उनमें से आधे को अभी किन्हीं कारणों से शुरू नहीं किया जा सका है.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने लखनऊ में बताया कि इन 2,935 शराब की दुकानों का संचालन नहीं होने पर सरकार को 2,000 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होने का अनुमान है.
उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद राजमार्गों पर से शराब की दुकानों को हटाने के बाद आबकारी विभाग को सालाना निर्धारित आय इकठ्ठा करने के लिए अधिकारियों को परेशानी का सामना करना पड रहा है.
सरकार ने धार्मिक स्थानों, शैक्षणिक संस्थानों और अस्पतालों के पास स्थित सभी शराब की दुकानों को बंद करने के अपने आदेश को दोहराया है. शराब की दुकानों को उचित स्थान पर खोलने के लिए दुकानदारों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
राज्य में सालाना 56 करोड़ लीटर शराब की खपत है. आबकारी विभाग द्वारा किए गत वित्तीय वर्ष की समाप्ति समीक्षा से पता चला है कि शराब की खपत में लगातार इजाफा हो रह है. 22 करोड़ की आबादी वाले राज्य में वर्ष 2015 में प्रति व्यक्ति औसत 2.3 9 लीटर की तुलना में गत वर्ष 2.54 लीटर शराब की सालाना खपत हुई है.
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