अमेरिकी संरक्षणवाद से भारत भी अछूता नहीं रह सकता : जेटली, उर्जित
भारत के वित्तमंत्री अरुण जेटली और भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल का कहना है कि बाजार की शक्तियों से अमेरिका में उभर रही संरक्षणवादी प्रवृत्तियों को बल मिलेगा, जिससे भारत भी अछूता नहीं रह सकता.
(फाईल फोटो) |
जेटली और उर्जित से सोमवार को दो भिन्न-भिन्न स्थानों पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के तहत संरक्षणवाद के प्रभाव के बारे में पूछा गया.
जेटली ने विदेशी संबंधों की परिषद में कहा कि एच1-बी वीजा पर ट्रंप की नीतियां और व्यापार के चिरस्थायी प्रभाव रह सकते हैं, क्योंकि बाजार और आर्थिक ताकतों के प्रभाव होंगे.
उन्होंने कहा कि उन्हें भारत व अमेरिका के व्यापारिक संबंधों में किसी तरह का दबाव दिखाई नहीं दिया. विभिन्न देशों के लिए यह कहना कि उनकी कंपनियों को महंगे उत्पाद खरीदने चाहिए या उनकी कंपनियों को महंगी सेवाएं लेनी चाहिए, वह भी तब, जब बेहतर विकल्प मौजूद हैं, इससे अर्थव्यवस्था को कोई मदद नहीं मिलेगी.
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने कोलंबिया यूनिवर्सिटी में व्याख्यान के बाद वैसा ही पूर्वानुमान जताया, जैसा जेटली ने कहा.
पटेल ने कहा, "संरक्षणवाद की वकालत करने वाला देश भी आखिरकार प्रभावित होता है."
उन्होंने कहा, "वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के कारण विश्व में अमेरिका सहित अधिकांश सक्षम निकायों की बदौलत उनके शेयर की कीमतों में उछाल आता है."
जेटली ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच संबंध पिछले ढाई वर्षो में सुदृढ़ हुए हैं और ये संबंध इन अस्थायी दबाव में खराब होने वाले नहीं हैं.
उन्होंने कहा, "यह एक परिपक्व संबंध है, जिसका भारत और अमेरिका, दोनों देशों के चुनाव पर असर देखा जाता है. मुझे यकीन है कि नए प्रशासन के तहत भी यह संबंध बरकरार रहेगा और इसमें सुधार जारी रहेगा."
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