पहली तिमाही में एसबीआई का मुनाफा घटा
वसूल न होने वाले कर्ज के लिए अधिक पूंजी प्रावधान से पहली तिमाही में एसबीआई का मुनाफा घटा है.
|
वसूली में फंसी किश्तों (एनपीए) के लिए अधिक पूंजी का प्रावधान करने तथा संपत्तियों के ऊंचे मूल्य हास के चलते देश के सबसे बड़े वाणिज्यिक बैंक एसबीआई का एकल शुद्ध लाभ इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 45.6 प्रतिशत घटकर 1,584 करोड़ रुपए रह गया.
गत वित्त वर्ष की अप्रैल जून तिमाही में बैंक ने 2,914 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया था.
एसबीआई के अध्यक्ष प्रतीप चौधरी ने त्रैमासिक परिणामों की घोषणा करते हुए संवाददाताओं को बताया,भारतीय रिजर्व बैंक के कड़े नियमों के चलते हमें सभी श्रेणी की आस्तियों के लिए अधिक पूंजी का प्रावधान करना पड़ा.
इसके अलावा बांडों का मूल्य गिरने से भी बैंक को 1,048 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ. इसी तरह इक्विटी निवेश में भी 300 करोड़ रुपए का घाटा हुआ.
बैंक का एकीकृत मुनाफा 30 जून को समाप्त तिमाही के दौरान 25. 3 फीसद घटकर 2,512.4 करोड़ रुपए हो गया. पिछले साल की समान अवधि में बैंक ने 3,365.2 करोड़ रुपए का मुनाफा दर्ज किया था.
हालांकि एसबीआई की कुल आय अप्रैल से जून की तिमाही में बढ़कर 39,126 करोड़ रुपए हो गई जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 32,808 करोड़ रुपए थी.
बैंक को आलोच्य तिमाही में विभिन्न प्रावधानों के तहत 2,439 करोड़ रुपए की पूंजी लगानी पड़ी जो पिछले वर्ष इसी दौरान किए गए प्रावधानों से 75 प्रशितत अधिक है.
इस बार किए गए प्रावधान में 550 करोड़ रुपए चक्रीय उतार-चढ़ाव की स्थिति से निपटने के लिए 550 करोड़ रुपए का प्रावधान भी शामिल है.
आलोच्य तिमाही में बैंक की शुद्ध ब्याज आय 32.8 प्रतिशत बढ कर 9,700 करोड़ हो गई जब कि पिछले वर्ष इसी तिमाही में यह 7,304 करोड़ रुपए थी. शुद्ध ब्याज मार्जिन इस दौरान 3.18 प्रतिशत से बढ कर 3.62 प्रतिशत हो गयी.
चौधरी ने कहा कि शुद्ध ब्याज मार्जिन चालू वित्त वर्ष में 3.5 प्रतिशत से ऊपर बने रहने की संभावना है.
उन्होंने बताया कि व्यवसाय जगत के सामने लगातार कठिन परिस्थिति के कारण आलोच्य तिमाही में वसूल न हो रही ऋण की किश्ते (एनपीए) में 2,442 करोड़ रुपए की शुद्ध वृद्धि हुई. इनमें से 1,060 करोड़ रुपए कंपनियों से संबंधित रही.
Tweet |