नए आव्रजन विधेयक में सुविधा और सख्ती
नए आव्रजन विधेयक में जाली पासपोर्ट का उपयोग करने पर सात साल की जेल का प्रस्ताव है। यदि यह संसद द्वारा अनुमोदित हो जाता है तो भारत में प्रवेश करने, रहने या बाहर जाने के लिए जाली पासपोर्ट या वीजा का इस्तेमाल करने वाले को जेल की सजा के साथ दस लाख रुपये तक का जुर्माना भी हो सकता है।
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लोक सभा में पेश विधेयक के अनुसार, कोई भी जो जानबूझकर जाली या धोखाधड़ी से प्राप्त पासपोर्ट या अन्य यात्रा दस्तावेज या वीजा का प्रयोग भारत में प्रवेश करने या यहां रहने या देश से बाहर जाने के लिए करता है, उसे कम से कम दो वर्ष की सजा हो सकती है, जिसे सात साल तक बढाया जा सकता है।
वर्तमान में चार अधिनियमों के माध्यम से प्रशासित किया जा रहा है, पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम 1920, विदेशियों का पंजीकरण 1939, विदेशी अधिनियम 1946 व आव्रजन (वाहन दावित्व) अधिनियम 2000 को अब निरस्त करने का विचार है। माना जा रहा है, नये विधेयक से कानून सरल होगा तथा करोबार करने में आसानी होगी। अवैध प्रवास की समस्या से निपटने में भी यह मददगार साबित होगा।
निर्धारित अवधि से अधिक समय तक रहने वाले विदेशियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए आवश्यक है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, बीते वित्त वर्ष के दौरान 98 लाख से अधिक विदेशी भारत आए थे। विदेशी सैलानियों को पर्यटन के लिए आकषिर्त करने के लिए कुछ अरसे से सरकारी स्तर पर किए जा प्रयासों के सकारात्मक असर समाने भी आ रहे हैं, परंतु देश की सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद रखने तथा भारत भ्रमण, शिक्षा या इलाज कराने के लिए आने वालों की सुविधाओं का ख्याल रखते हुए वन-विंडो स्कीम भी बनानी चाहिए।
नये विधेयक के अनुसार पाकिस्तानियों को आने के चौबीस घंटों के भीतर ही पंजीकरण कराना जरूरी है। इसके अलावा देश के कुछ संरक्षित क्षेत्रों में विदेशियों को जाने के लिए विशेष परमिट की जरूरत होती है, जिनमें अंडमान-निकोबार, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल व राजस्थान के कुछ हिस्से के साथ ही पूर्वोत्तर के कुछ राज्य शामिल हैं।
अभी जब ट्रंप सरकार द्वारा जाली पासपोर्ट वाले घुसपैठियों को वापस भेजा गया था तो कुछ लोगों की त्योरियां चढ़ी थीं, मगर इस तरह विदेश जाने वालों को रोकना भी सरकार का ही जिम्मा है। इससे देश की छवि धूमिल होती है। नियमों को पारदर्शी व सुलभ बनाकर ही देश की अखंडता, संप्रभुता व मौलिक सिद्धांतों की रक्षा की जा सकता है।
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