इंडसइंड बैंक : आशंकाओं के बीच आश्वस्ति
इंडसइंड बैंक को लेकर आशंकाओं के बीच केंद्रीय बैंक भारतीय रिजर्व बैंक ने ग्राहकों और निवेशकों को आस्त किया है कि इंडसइंड बैंक की वित्तीय स्थिति मजबूत और स्थिर है, और इस पर उसकी बारीकी से नजर बनी हुई है।
![]() आशंकाओं के बीच आश्वस्ति |
ग्राहकों और निवेशकों को यह भी सलाह दी है कि वे अटकलों पर अति प्रतिक्रिया जतलाने से बचें। केंद्रीय बैंक ने इंडसइंड बैंक के निदेशक मंडल को भी निर्देश दिया है कि वह चालू तिमाही के दौरान बैंक द्वारा घोषित अकाउंटिंग में 2,100 करोड़ रुपये की भारी गड़बड़ी के रहस्योद्घाटन के बीच सु़धारात्मक कार्यवाही पूरी करे। दरअसल, इंडसइंड बैंक ने लेखांकन में गड़बड़ी का इसी सप्ताह खुलासा किया था। इससे बैंक के निबल मूल्य पर 2.35 प्रतिशत असर पड़ने का अनुमान है।
खुलासे के तुरंत बाद बैंक के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई। इससे शंका पैदा हो गई कि ग्राहकों और निवेशकों में अफरातफरी न फैल जाए। ऐसा होता तो समूचे बैंकिंग क्षेत्र पर नकारात्मक असर का अंदेशा होगा। बैंकिंग क्षेत्र की बुनियाद ही विश्वास है, और इसी पर बैंकिंग के कार्यकलाप निष्पादित किए जाते हैं। यदि विश्वास डगमगाया तो मान कर चलिए कि अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्र इसकी चपेट में आ सकते हैं। कई देशों में ऐसा हुआ है कि बैंक पर विश्वास डगमगाते ही बैंक के बाहर ग्राहकों की लाइन लग गई।
ग्राहक का मन विचलित होते ही जो हालात बनते हैं, उन्हें साजगार बनाने में अरसा लग जाता है। केंद्रीय बैंक की भूमिका ऐसी परिस्थितियां बनाए रखने की होती है कि जो बैंकिंग क्षेत्र को विकासमान रख सकें। यही रिजर्व बैंक कर रहा है। वह हर हाल में बैंक के हितधारकों का बैंक में विश्वास बनाए रखना चाहता है। इंडसइंड बैंक के लिए ही नहीं, बल्कि समूचे बैंकिंग क्षेत्र और अर्थव्यवस्था के लिए स्थितियों को सहज बनाए रखना चाहता है।
दरअसल, अटकलबाजियों का दौर शुरू हो जाने पर स्थिति हाथ से निकल जाने का अंदेशा होता है, और ग्राहकों और निवेशकों की विश्वास बहाली कठिन हो जाती है। जमाकर्ता किसी बैंक में विश्वास के चलते ही अपनी बचत और धन वहां जमा करते हैं, लेकिन हड़कंप जैसे हालात में उनके लिए संभव नहीं रह जाता कि बैंक की तरफ रुख करें। ऐसे में बैंकिंग कारोबार पर विपरीत असर पड़ सकता है, जिससे आर्थिक गतिविधियां शिथिल पड़ सकती हैं। अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्र परस्पर निर्भर होते हैं। बैंकिंग भी अर्थव्यवस्था का महत्त्वपूर्ण क्षेत्र है, जिसमें घबराहट और अटकलबाजियों का माहौल कहर बरपा सकता है।
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