अप्रवासियों की समस्या

Last Updated 25 Jan 2025 01:18:45 PM IST

अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने देश से अवैध प्रवासियों के निष्कासन की घोषणा की है।


अप्रवासियों की समस्या

अगर ट्रंप प्रशासन आप्रवासियों को बाहर निकालने की नीति को लागू करता है तो वह अवैध रूप से रहने वाले भारतीय भी अछूते नहीं रहेंगे। इस संबंध में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिका में अवैध रूप से रहने वाले भारतीय नागरिकों के बारे में नई दिल्ली के रुख को स्पष्ट करते हुए कहा कि भारत अवैध प्रवास का दृढ़ विरोधी है, क्योंकि जब कुछ अवैध होता है तो कई अन्य अवैध गतिविधियां भी उसमें शामिल हो जाती हैं।

इसलिए भारत अमेरिका समेत विदेशों में अवैध रूप से रह रहे भारतीय नागरिकों की वैध वापसी की वापसी के लिए तैयार है? विदेश मंत्री का यह कथन मौजूदा वैश्विक संदर्भ में एकदम उचित है। भारत में भी ऐसे अनेक उदाहरण मिल जाएंगे जहां लोग अपराध या आतंकवादी गतिविधियों से जुड़े जुड़े रहे हैं, वे आंतरिक सुरक्षा एजेंसियों के दबाव के चलते वैध-अवैध तरीके से बाहर भाग जाते हैं। वहां अपने को प्रताड़ित बताकर वहां के लचीले कानूनों का लाभ उठाकर नागरिक बनने का प्रयास करते हैं।

ऐसे लोग के पास न तो प्रताड़ना के पुख्ता सबूत होते हैं और न वहां पहुंचने का कोई वैध कारण होता है। ये लोग अपने मूल देश में समस्याएं खड़ी करके परिणाम से बचने के लिए अन्य देशों में पहुंचते हैं और वहां के समाज के लिए समस्याएं खड़ी करते हैं। अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा जैसे देश ऐसे लोगों के लिए सुगम शरणस्थली रहे हैं। अमेरिका ने अगर अवैध आप्रवासियों को उनके मूल देश में वापस भेजने का निर्णय लिया है तो यह अकारण नहीं है।

जयशंकर को राजनीतिक और नैतिक दोनों ही तौर पर अमेरिका के इस कदम का समर्थन करना था। भारत स्वयं अवैध और प्रवासियों की समस्याओं से जूझ रहा है जिन्होंने आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर संकट खड़े कर दिए हैं। भारत भी ऐसे अवैध आप्रवासियों के खिलाफ कदम उठा रहा है। इससे ऐसे लोगों पर लगाम लगेगी जो अपने देश और दूसरे देशों में अपने धत्कर्मो के कारण बोझ बन जाते हैं। लेकिन कुछ लोग रोजगार और व्यवसाय के लिए भी बिना समुचित वैध पपत्रों के पहुंच जाते हैं तो ऐसे लोगों पर विचार किया जाना चाहिए।



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