कर्मचारियों का हित जरूरी

Last Updated 02 Dec 2024 01:48:22 PM IST

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन का खाताधारक बनने के लिए पंद्रह हजार रुपये से अधिक वेतन वाले कर्मियों को अभी और इंतजार करना पड़ सकता है।


केंद्रीय न्यासी बोर्ड की बैठक में श्रम मंत्री ने इस बाबत कोई जवाब नहीं दिया जो इसका अध्यक्ष भी होता है। ईपीएफओ के सारे फैसले यही बोर्ड लेता है। बैठक में तीस हजार तक वेतन पाने वाले कर्मियों और श्रमिकों को ईपीएफओ का सदस्य बनाने के मामले में चर्चा होने के बावजूद मंत्री की तरफ से कोई आासन नहीं दिया गया। न ही मंहगाई भत्ते देने या मुफ्त इलाज की सुविधाओं पर कोई जवाब मिला। बीते दस सालों में ईपीएफओ के खाताधारक/पेंशनर दोगुने हो चुके हैं।

जमाराशि और सेटेलमेंट भी दोगुने हो चुके हैं मगर इसकी तुलना में कर्मचारियों की संख्या नहीं बढ़ी। निचले वर्ग को पीएफ का लाभ देने से ना-नुकर करने वाली सरकार कारोबारियों के हितों को लेकर अभी भी पक्षपाती नजर आती है। जैसा कि बैठक में सरकार इंडस्ट्री फ्रेंडली नीति के तहत माफी योजना लाई। जो कर्मचारियों का पीएफ नहीं जमा कर रहे हैं, या जिन्होंने अपने कर्मियों को सदस्य बनाने में ढिलाई की, उन पर कोई जुर्माना नहीं लगेगा।

जैसा कि नियमों के अनुसार किसी भी कंपनी या फर्म में यदि कर्मचारियों की संख्या बीस से ज्यादा है तो ईपीएफओ में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। परंतु बहुत सी ऐसी कंपनियां हैं, जो उनका पंजीकरण कराने या समय पर अंशदान करने में कोताही करती हैं जिससे खाता निष्क्रिय हो जाता है। लोक सभा में दी गई जानकारी के अनुसार संगठन में साढ़े आठ हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि निष्क्रिय खातों में जमा है। सरकार को इसका निपटान जल्द करना चाहिए। यह जरूरतमंदों की मेहनत की कमाई है।

कारोबारियों की गलती का खमियाजा हमेशा नीचे का कर्मचारी और श्रमिक ही भुगतता है। खासकर इस वक्त, जब सरकार पेंशन को लेकर नये नियम बनाने को उतावली है, उसे संगठित और असंगठित क्षेत्रों के कर्मचारियों के प्रति अपना रवैया मुलायमियत भरा रखना चाहिए। पहले ही उनके श्रम का उचित आकलन करने से कारोबारी कतराते हैं, उस पर नियमानुसार उन्हें मिलने वाली आर्थिक सुरक्षा में सेंध लगाने का मौका किसी पक्ष को दिया जाना कतई उचित नहीं कहा जा सकता। श्रम मंत्रालय को संवेदनशीलता दिखाते हुए अपने निर्णय पर पुनर्निरीक्षण करना चाहिए।



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment