बैकफुट पर कनाडा

Last Updated 23 Nov 2024 01:40:06 PM IST

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को अपनी ना समझी और शरारतपूर्ण रवैये के कारण एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय बिरादरी के सामने शर्मसार होना पड़ा है।


भारत सरकार के कड़े विरोध के बाद उनकी सरकार को बयान जारी करके यह कहना पड़ा है कि खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार की किसी तरह की भूमिका नहीं है। इतना ही नहीं बल्कि कनाडा ने ‘द ग्लोब एंड मेल’ में प्रकाशित उसे दावे को भी खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि निज्जर की हत्या में भारत के शीर्ष नेतृत्व का हाथ है। 18 जून 2023 में खालिस्तान समर्थक आतंकवादी निज्जर की हत्या कनाडा के सरे स्थित एक गुरु द्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

भारत के खिलाफ पश्चिमी देशों की मीडिया हमेशा से विषवमन करती रही है। पिछले वर्ष सितम्बर में अमेरिका और पश्चिमी देशों की मीडिया में भारत विरोधी दुष्प्रचार का दौर शुरू हुआ था। ‘द न्यूयार्क टाइम्स’, ‘द इकोनॉमिस्ट’ और ‘टाइम मैगजीन’ जैसे पत्र-पत्रिकाओं ने आतंकवादी की हत्या के लिए भारतीय एजेंसियों को दोषी ठहराया था भारतीय मीडिया में आतंकवादी। भारतीय मीडिया में आतंकवादी निज्जर की हत्या को लेकर प्राय: एक जैसी राय है कि कनाडाई प्रधानमंत्री ट्रूडो के आरोप निराधार और शरारतपूर्ण हैं।

मोदी सरकार का विरोध करने वाले समीक्षक भी ट्रूडो के आरोपों को खारिज करते हैं। जस्टिन ट्रूडो को यह समझना होगा कि उनकी नासमझी और शरारत के कारण अंतरराष्ट्रीय संबंधों में ही नहीं बल्कि भारत के राजनीतिक-सामाजिक जीवन में भी समस्याएं पैदा हो सकती हैं। पिछले कुछ वर्षो से कनाडा और भारत के रिश्तों में तल्खी आई है।

एक महीना पूर्व कनाडा ने भारतीय उच्चायुक्त संजय वर्मा और कुछ अन्य राजनीतिकों पर निज्जर की हत्या के मामले में संलिप्तता का आरोप लगाया था जिसके बाद भारत ने अपने छह राजनयिकों को वापस बुला लिया था। उसके बाद से दोनों देशों के संबंध तनावपूर्ण चल रहे हैं।

विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट रूप से कह दिया है कि कनाडा सरकार अगर इस तरह का भारत विरोधी अभियान चलाती रही तो दोनों देशों के रिश्तों में और तल्खी आएगी। कनाडा सरकार भारत विरोधी गतिविधियों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता मानती है जो कि पूरी तरह गलत है। मोदी सरकार के तेवरों से स्पष्ट है कि भारत अब इन शरारतपूर्ण कार्रवाइयों को बर्दाश्त नहीं करेगी। अब आगे दोनों देशों के रिश्ते इस बात पर निर्भर करेंगे कि कनाडा अपने यहां खालिस्तानी तत्वों के बारे में कैसा रवैया अपनाते है?



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