न्यूजीलैंड से हार की तलाशनी होगी वजहें
टॉमलेथम की अगुआई वाली न्यूजीलैंड ने भारत का तीन टेस्ट की सीरीज में सफाया करके यह दिखा दिया है कि भारत अब घर का भी शेर नहीं रहा है।
न्यूजीलैंड से हार की तलाशनी होगी वजहें |
भारत ने 2000 के बाद से घर में अजेय रहने वाली छवि बनाई थी, जिसे पहला झटका इंग्लैंड ने 2012-13 में दिया था। अब यह झटका न्यूजीलैंड ने दिया है। भारत के पास 1960 और 70 के दशक में प्रसन्ना और बेदी जैसे स्पिनर होने पर भी भारत घर में ऑस्ट्रेलिया, वेस्टइंडीज और इंग्लैंड से सीरीज हारते रहते थे, पर 2000 के दौरान भारत ने घर में अजेय रहने वाली छवि बनाई थी।
पर भारतीय टीम के हाल के घर के प्रदर्शनों को देखें तो यह साफ हो जाता है कि हमारे बल्लेबाज अब टर्निग विकेट पर टिकने वाली क्षमता को खोते जा रहे हैं। इसकी एक प्रमुख वजह तो साल में ज्यादातर समय टी-20 क्रिकेट खेलना है। इससे खिलाड़ी विकेट पर टिकने वाली कला को भूलते जा रहे हैं।
एजाज पटेल ने भारतीय बल्लेबाजों को झकझोरा
इस सीरीज में पहले सेंटनर और फिर एजाज पटेल ने भारतीय बल्लेबाजों की बारात निकालकर इस बात को साबित कर दिया है। सवाल यह है कि हमारे बैटर इस कला में पिछड़े क्यों हैं। इस बात पर ध्यान देने से पता चलता है कि भारतीय टीम के प्रमुख बल्लेबाज लंबे समय से घरेलू क्रिकेट से दूर बने हुए हैं, इसलिए उन्हें अपनी बल्लेबाजी में आने वाली खामियों को सुधार करने का मौका ही नहीं मिलता है।
विराट और रोहित पर उम्र का असर
अब हम कोहली को ही लें तो वह 2021 के बाद से स्पिन गेंदबाजी के सामने मुश्किल में नजर आ रहे हैं। बहुत संभव है कि विराट और रोहित पर उम्र का असर दिखने लगा हो। पर इस संबंध में सही तस्वीर इस माह के आखिर में शुरू होने वाले ऑस्ट्रेलिया दौरे पर प्रदर्शन से ही सामने आएगी। बहुत संभव है कि भारतीय टीम के सीनियर बल्लेबाजों के बल्ले चमक बिखेरने में कामयाब हो जाएं।
भारत की विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल खेलने की संभावनाएं कमजोर
फिर भी इन सीनियर बल्लेबाजों के विकल्प तलाशने का समय आ गया है। भारत की इस करारी हार से विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल खेलने की संभावनाएं तो कमजोर हुई हैं ही, साथ ही नये मुख्य कोच गौतम गंभीर पर भी सवालिया निशान लगने लगे हैं। भारत यदि ऑस्ट्रेलिया से 0-5 से सीरीज हार जाता है तो फिर आलोचकों का मुंह बंद करना मुश्किल हो जाएगा। इस हार से विश्व टेस्ट चैपियनशिप में भारत के फाइनल में पहुंचने की संभावनाएं बेहद कमजोर हो गई हैं। भारत के लिए अब फाइनल खेलने के लिए ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में हराने की चुनौती है, जो असंभव नहीं तो मुश्किल जरूर है।
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