चंडीगढ़ मेयर चुनाव के परिणाम पर SC का ऐतिहासिक फैसला
सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को चंडीगढ़ मेयर चुनाव के परिणाम को पलट दिया।
ऐतिहासिक फैसला |
शीर्ष अदालत ने भाजपा के प्रत्याशी मनोज सोनकर को विजयी घोषित करने के पीठासीन अधिकारी के फैसले को निरस्त करते हुए आम आदमी पार्टी-कांग्रेस के साझा प्रत्याशी कुलदीप कुमार को विजेता घोषित कर दिया। अदालत ने चुनावी लोकतंत्र की शुचिता कायम रखने की दिशा में जो फैसला सुनाया है उसका स्वागत किया जाना चाहिए।
चुनाव की निष्पक्षता बहाल रखने के लिए इस तरह के फैसले आवश्यक होते हैं क्योंकि लोकतांत्रिक शासन प्रणाली में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव से सत्ता का हस्तांतरण आसानी से संभव हो पाता है और पराजित होने वाला प्रत्याशी चुनाव परिणामों की वैधता को स्वीकार करने में जरा देर नहीं लगाता।
स्वतंत्र भारत के चुनावी इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ है कि किसी पराजित प्रत्याशी ने चुनाव आयोग द्वारा घोषित परिणाम को स्वीकार नहीं किया हो। ऐसा भले हुआ है कि उसने चुनाव आयोग या अदालत का दरवाजा खटखटाया हो।
लोकतंत्र की यही खूबसूरती है। चंडीगढ़ के मेयर के मामले में भी आप और कांग्रेस ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाकर पहले हाई कोर्ट और उसके बाद सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जहां उन्हें न्याय मिला।
न्यायालय ने इस मामले में पूर्ण न्याय सुनिश्चित करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 142 से प्राप्त विशेषाधिकार के तहत फैसला सुनाया। इससे जाहिर होता है कि शीर्ष अदालत ने इस पूरे मामले को काफी गंभीरता से लिया और लोकतंत्र को संरक्षित रखने के अपने दायित्व का निर्वाह किया।
अदालत ने भाजपा के प्रत्याशी मनोज सोनकर के वकील की ओर से नये सिरे से चुनाव कराने की मांग को यह कहकर खारिज कर दिया कि उन्होंने इस्तीफा दे दिया है। ऐसे में दोबारा चुनाव कराने की आवश्यकता नहीं है।
मुख्य न्यायाधीश धनंजय चंद्रचूड़, जस्टिस जमशेद पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्र की बेंच ने मेयर चुनाव के पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह को चुनाव में धांधली के लिए न केवल जिम्मेदार ठहराया, बल्कि अदालत को गुमराह करने के लिए सीआरपीसी की धारा 340 के तहत आपराधिक मुकदमा चलाने का भी निर्देश दिया।
चुनावी प्रक्रिया की स्वतंत्रता और निष्पक्षता को बहाल रखने में अदालतों की भूमिका सराहनीय रही है। शीर्ष अदालत द्वारा लोकतंत्र की प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने के लिए चंडीगढ़ का मेयर घोषित करने के फैसले को हमेशा याद किया जाएगा।
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