आशावादिता की पराकाष्ठा
सत्रहवीं लोक सभा के अंतिम सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए विपक्ष के महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार जैसे आरोपों का न केवल तथ्यों के साथ जोरदार खंडन किया बल्कि कई मोर्चों पर विपक्ष विशेषकर कांग्रेस पर भी तीखे प्रहार किए।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी |
उनके भाषण का केंद्रीय बिंदु केवल कांग्रेस ही नहीं बल्कि पं. जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी पर किया गया सीधा हमला था। उन्होंने नेहरू और इंदिरा गांधी के भाषण का उद्धरण देते हुए बताने की कोशिश की कि कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को भारत की जनता पर भरोसा नहीं रहा। एक तरह से प्रधानमंत्री द्वारा बड़े नियोजित तरीके से नेहरू परिवार की वैचारिक विरासत को नकारना तथा उसे आज के गतिमान भारत की अवधारणा के प्रतिकूल ठहराना था।
इसी श्रृंखला में उन्होंने राहुल गांधी को एक ऐसे असफल प्रोडक्ट के रूप में निरूपित किया जिसे बार-बार लॉन्च किया जा रहा है, लेकिन जो चल नहीं पा रहा है। विपक्षी गठबंधन को भी उन्होंने प्रभावहीन बताया जो एकजुट होने से पहले ही बिखरना शुरू हो गया है।
वास्तव में प्रधानमंत्री मोदी का यह भाषण था जिसके द्वारा उन्होंने न केवल विपक्ष को पूरी तरह गैर-जिम्मेदार बताकर किसी भी सार्थक कार्य के लिए अयोग्य ठहरा दिया बल्कि यहां तक कह दिया कि विपक्ष जिस तरह की राजनीति कर रहा है उसकी वजह से वह अगले चुनाव के बाद संसद की दर्शक दीर्घा में नजर आएगा।
विपक्ष की दयनीय स्थिति के लिए उन्होंने कांग्रेस को ही जिम्मेदार ठहराया। प्रधानमंत्री का विास है कि परिवारवाद के कारण कांग्रेस सार्थक विपक्ष की भूमिका का निर्वाह करने में पूरी तरह असफल साबित हुई। उनका यह प्रयास जो लंबे समय से चल रहा है संसद के इस भाषण में अपने चरम पर दिखा।
इस भाषण का अन्य महत्त्वपूर्ण पहलू उनका यह दावा कि इस बार भाजपा अकेले ही लोक सभा की 370 सीटें लाएगी और एनडीए गठबंधन 400 सीटों का आंकड़ा पार करेगा। इस भाषण में प्रधानमंत्री की आक्रामकता और आत्मविश्वास भी भरपूर झलक रहा था।
विपक्ष के नेताओं ने भले ही अपनी प्रतिक्रियाओं में प्रधानमंत्री को डरा हुआ बताया हो, लेकिन वास्तविकता यह है कि इसमें आशावादिता की पराकाष्ठा थी। बहरहाल, इस भाषण ने तय कर दिया है कि प्रधानमंत्री का आगे का चुनाव अभियान किस दिशा में चलेगा और किन बिंदुओं पर चलेगा।
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