कोटे पर यू-टर्न

Last Updated 30 Jan 2024 01:12:34 PM IST

शैक्षिक-गैरशैक्षिक आरक्षित पदों के न भरे जाने की स्थिति में उन्हें अनारक्षित करने के प्रस्ताव पर भारी विरोध के बाद केंद्र सरकार को स्पष्टीकरण देना पड़ा है।


विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी)

साथ ही, इसके प्रस्तावक विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी - UGC) ने भी यू-टर्न ले लिया है। शैक्षिक जगत ने, और राजनीतिक पार्टियों, खास कर कांग्रेस, ने इस प्रस्ताव को सरकार की तरफ से आरक्षित वगरे की हकमारी की नाजायज कोशिश है। जेएनयू ने तो आंदोलन का ऐलान कर दिया है।

लिहाजा, सरकार और आयोग को कहना पड़ा कि आरक्षित पदों को अनारक्षित करने का उनका कोई इरादा नहीं है। उम्मीद की जानी चाहिए कि इन स्पष्टीकरणों के बाद विवाद अंतिम रूप से शांत हो जाएगा। समाज के कमजोर वगरे को प्राय: सभी क्षेत्रों में समान अवसर देकर समानता स्थापित करने के लिए शिक्षण-प्रशिक्षण से लेकर विभिन्न सरकारी नियुक्तियों में आरक्षण का सामान्यतया प्रावधान किया गया है। अब तो यह अविवादित, सर्वमान्य और वैध नॉर्म बन गया है।

फिर यूजीसी के ताजा मामले में ऐसा क्यों हो गया? दरअसल, आयोग ने 23 दिसम्बर 2023 को सेंट्रल एवं डीम्ड यूनिवर्सिटिज के शैक्षिक-गैरशैक्षिक आरक्षित पदों के न भरे जाने की स्थिति में उन्हें सशर्त अनारक्षित किए जाने के प्रावधानों पर विद्वत समाज से सुझाव मांगे थे। 28 जनवरी 2024 उसकी आखिरी तारीख थी।

इसमें कहा गया था कि विज्ञापित ए संवर्ग के तहत आरक्षित पदों पर नियुक्ति के योग्य उम्मीदवार न मिलने की विशेष स्थिति में उस एक अकादमिक सत्र के दौरान भर्ती के तीन प्रयास किए जाएंगे। इसके बाद उन्हें अनारक्षित घोषित करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

इसके तहत संबद्ध यूनिवर्सिटिज को लिखित में यूजीसी को बताना होगा कि ये पद क्यों नहीं भरे गए? इस स्पष्टीकरण को केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय को भेजा जाएगा। उसकी अनुशंसा या विचार के बाद ही इसे अनारक्षित घोषित किया जा सकेगा। प्रोमोशन के बारे में निर्णय की यही प्रक्रिया बनाई गई थी।

ग्रुप सी एवं डी के मामले में यूनिवर्सिटिज के सीनेट को विचार को मान्य बताया गया था। यह सब यूजीसी ने पारदर्शी तरीके से किया था ताकि काम बाधित न हो। रिक्तियां बेमियादी छोड़ने में किसी का लाभ नहीं है। ये जारी रहें तो उन्हें भरने के लिए अलग बवाल होता है।

इतने चेक एंड बैलेंस और अच्छी मंशा के बावजूद सरकार और आयोग का यूटर्न लेने का कारण आम चुनाव और उसमें नुकसान का अंदेशा है जबकि आरक्षण जिनके लिए है, उन्हें मिलना ही है।



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment