अमानत में खयानत

Last Updated 18 Jan 2024 01:05:08 PM IST

हाई कोर्ट के सीनियर वकील पीजी मनु के खिलाफ केरल पुलिस ने लुकआउट नोटिस जारी किया है। उस पर रेप पीड़िता से ही रेप का आरोप है।


अमानत में खयानत

मामला अक्टूबर, 2023 का बताया जा रहा है। 25 साल की पीड़िता 2018 में हुई घटना के लिए कानूनी सलाह लेने मनु के पास गई थी। आरोप है कि वकील ने तीन बार रेप किया और युवती की अश्लील तस्वीरें भी खींचीं। शिकायत के अनुसार पहली बार जब उसके मां-बाप बाहर बैठे थे तो उसने रेप का प्रयास किया। दोबारा उसे धमकी देकर बुलाया और तीसरी बार जब युवती के घर पर अकेली थी, वह जबरन घुस गया।

विरोध पर वकील ने मामले को पलटने और उसे ही आरोपी साबित करने की धमकी दी। लुकआउट नोटिस का मतलब है, वह देश से बाहर नहीं भाग सकता। यह घटना अपने आप में भयावह है। यौन उत्पीड़न या रेप के खिलाफ कड़े कानून बनने के बाद उम्मीदें की जा रही थीं कि ऐसी घटनाओं में सुधार आएगा।

मगर जब कानून के रख वाले इस तरह की हरकतें करने लगें तो महिलाएं कहां जाएंगी। मद्रास हाई कोर्ट में भी ऐसा ही मामला कुछ  समय पहले आया था जहां पुलिस वाले ने पुलिस स्टेशन में सफाई करने वाली के साथ रेप किया था। एक अन्य चर्चित मामले में आईपीएस अधिकारी पर मॉडल द्वारा रेप के आरोप लगाए गए थे।

उस वक्त भी मामले की गंभीरता को लेकर तरह-तरह के सवाल उठे थे। इस बात से असहमति नहीं जताई जा सकती कि रेप की शिकार के प्रति जड़ मानसिकता नहीं बदल पाई है। यही कारण है कि ढेरों लड़कियां या उनके परिवार ऐसे मामलों में थाना/कचहरी करने में हिचकते ही नहीं, बल्कि उन्हें अहसास है कि शिकायत दर्ज कराने के बाद पीड़िता को दुारियों का सामना करना पड़ सकता है।

लड़की की पहचान छिपाने, बंद कमरे में बयान लेने और महिला पुलिसकर्मी की मौजूदगी जैसे ढेरों कानूनों व सख्त नियमों के बावजूद पीड़ित असुरक्षित हैं। इस वकील के मामले को लेकर कहा जा सकता है कि वह अगर दोषी नहीं है तो फरार क्यों है?

उसे न्याय व्यवस्था पर आम आदमी से ज्यादा भरोसा होना चाहिए और अपनी लड़ाई स्वयं लड़नी चाहिए। अगर वह वास्तव में दोषी है तो उसे सख्त से सख्त सजा दी जाए ताकि ऐसे सम्मानित पदों पर आसीन हैवानों के भीतर डर व्याप्त हो सके। अमानत में खयानत बर्दाश्त करना खतरनाक साबित हो सकता है।



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