मोदी के मन में ‘मोहन’
भाजपा (BJP) ने सोमवार को आश्चर्यचकित करते हुए अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के नेता और तीन बार के विधायक मोहन यादव (Mohan Yadav) (58) को मध्य प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री चुन लिया।
मोदी के मन में ‘मोहन’ |
उज्जैन दक्षिण से विधायक का नाम निवर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रस्तावित किया और सर्वसम्मति से उन्हें मुख्यमंत्री चुना गया। मोहन यादव को संघ का करीबी माना जाता है। मध्य प्रदेश में ओबीसी वर्ग से यादव चौथे मुख्यमंत्री हैं।
उनसे पूर्व उमा भारती, बाबू लाल गौर और शिवराज सिंह चौहान भी ओबीसी वर्ग से थे। असेंबली चुनाव में भाजपा ने 230 सदस्यीय विधानसभा की 163 सीट जीतकर प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस (66 सीट) को परे धकेलते हुए बहुमत हासिल किया है। यादव हिन्दुत्व के मुखर चेहरे हैं। शिवराज मंत्रिमंडल में उच्च शिक्षा मंत्री रहते हुए 2021 में उन्होंने महाकाव्य ‘रामचरितमानस’ को कॉलेजों में वैकल्पिक विषय बनाने की घोषणा की थी।
राज्य विविद्यालयों में कुलपति पद का नाम हिन्दी में कुलपति के स्थान पर ‘कुलगुरु’ करने का प्रस्ताव भी रखा था। उनके पक्ष में हिन्दुत्व के प्रति प्रखरता के साथ ही ओबीसी समुदाय से संबद्ध होना रहा। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में कुल आबादी में 48 प्रतिशत से अधिक हिस्सा ओबीसी का है।
यादव के चयन से कह सकते हैं कि भाजपा ने चुनावी गुणा-भाग का भी ध्यान रखा है, और आगामी लोक सभा चुनाव की तैयारी का ही हिस्सा है मोहन यादव का मुख्यमंत्री के पद पर चुना जाना। हाल में जिन पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव हुए हैं, उनमें से तीन राज्यों छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में भाजपा ने बहुमत हासिल किया है।
तीनों जगह भाजपा ने मुख्यमंत्री चुनते समय चौंकाया है। उन लोगों के नाम इस पद के लिए आगे बढ़ाए जिनके बारे में पहले से न तो कोई चर्चा थी, और न ही किसी ने सोचा था कि वे मुख्यमंत्री बन सकते हैं। हालांकि उनके चयन को हल्का नहीं माना जा सकता।
इसलिए कि भाजपा संगठित और अनुभवी कार्यकर्ताओं की टीम है और उसे जोखिम लेने और प्रयोग करने की सहूलियत सहज प्राप्त है। यादव को चुने जाने पर भी हर कोई हैरत में पड़ गया। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने फैसलों से चौंकाते रहे हैं, और मध्य प्रदेश में अचर्चित चेहरे का नाम आगे करके उन्होंने एक बार फिर चौंकाया।
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