आ गई सर्दी!
कश्मीर के ऊपरी इलाकों, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में कहीं भारी तो कहीं हल्की बर्फबारी और इन राज्यों के मैदानी और मध्यम ऊंचाई वाले इलाकों में तेज बारिश से मौसम ने एकाएक करवट ले ली।
आ गई सर्दी! |
सितम्बर महीने में गर्मी का कीर्तिमान बनने के बाद अक्टूबर के दूसरे पखवाड़े में ही दिसम्बर-जनवरी जैसी ठंड का अहसास होने लगा। मौसम यह बदलाव 14 अक्टूबर के बाद से देखा जा रहा है, जब रुक-रुक बारिश हुई और ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी होने लगी।
इन राज्यों में मौसम के इस कदर ठंडा होने से चंडीगढ़, दिल्ली और आसपास के इलाकों में भी मंगलवार शाम से ही सर्दी महसूस होने लगी। मंगलवार को पूरा दिन सुबह से ही दिल्ली और आसपास के इलाकों में तेज हवाएं चलीं।
उत्तराखंड में बर्फबारी हुई और हिमाचल प्रदेश में ऊंची पहाड़ियां भी बर्फ की सफेद चादर से ढक गई। शिमला में तापमान ने 52 साल का रिकार्ड तोड़ दिया। 1971 में अक्टूबर महीने में अधिकतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया था, लेकिन मंगलवार को 13 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। बर्फ गिरने के साथ ही कहीं तेज तो कहीं हल्की बारिश ने मौसम का पारा गिरा दिया है।
हालांकि भारत मौसम विभाग का कहना है कि यह स्थिति अगले कुछ ही दिनों रहनी है, उसके बाद पश्चिमी विक्षोभ के शिथिल पड़ने पर तापमान चढ़ेगा और सर्दी कहर जैसी महसूस नहीं होगी जैसी कि अभी हो रही है। इस कदर कि लोग पूछ रहे हैं कि क्या इस बार सर्दी ने समय से पहले दस्तक दे दी है। अनुमान है कि 18 अक्टूबर तक मौसम साफ हो जाएगा और 24 अक्टूबर तक भारी बारिश और बर्फबारी का सिलसिला जारी रह सकता है। हालांकि मैदानी इलाकों में किसी बड़ी मौसमी गतिविधि के आसार नहीं हैं।
कश्मीर घाटी में पिछले तीन-चार साल से समय से पहले बर्फबारी देखी जा रही है। पिछले साल भी अक्टूबर माह बर्फबारी हुई थी, लेकिन इस बार इस प्रकार का कोई पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सका था। दरअसल, हाल के वर्षो में जिस तरह मौसम अप्रत्याशित रूप से बदलने लगा है, उसे जलवायु परिवर्तन का असर कहा जा सकता है। अति मौसमी घटनाएं और गतिविधियों के लिए हमें मानसिक रूप से तैयार रहने के साथ ही एहतियातन बराबर सतर्क रहना होगा।
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