हमारी करुणाहीनता!
मध्य प्रदेश की प्रसिद्ध धार्मिक नगरी उज्जैन में एक नाबालिग बच्ची के साथ बलात्कार का मामला सामने आया है। घटना 25 सितम्बर की बताई जा रही है।
हमारी करुणाहीनता! |
महाकाल थाना इलाके में बड़नगर रोड पर बच्ची घायल अवस्था में मिली। उसके कपड़े बुरी तरह फटे हुए और खून से लथपथ थे। सांवराखेड़ी सिंहस्थ बाइपास की कालोनियों में इसी हाल में बच्ची ढाई घंटे भटकती रही। वह लगातार मदद की गुहार लगा रही थी, मगर किसी ने उसकी फरियाद नहीं सुनी। सोशल मीडिया में वायरल हुए सीसीटीवी फुटेज में उसकी तस्वीरें देखी जा सकती हैं। पुलिस ने चार लोगों को हिरासत में लिया है।
ऑटो चालक अभियुक्त को पुलिस घटनास्थल पर ले गई तो उसने भागने की कोशिश की जिसमें वह घायल हो गया। सतना निवासी बच्ची मानसिक तौर पर कमजोर बताई जा रही है। मीडिया ने उसे 12 वर्ष का बताया, जबकि पुलिस ने 15 साल उम्र दर्ज की है। वह 24 तारीख को घर से गायब हुई थी। उसके अपहरण की एफआईआर धारा 363 के तहत सतना के गांव में दर्ज है। बच्ची की मां बचपन में ही उसे छोड़ कर चली गई थी जबकि पिता अर्धविक्षिप्त बताया जा रहा है। वह अपने भाई व दादा के साथ रहती है।
अभी यह नहीं पता लगा है कि वह उज्जैन कैसे पहुंची। महाकाल की इस प्रसिद्ध तीर्थनगरी में खून से सनी अर्धनग्न बच्ची की उपेक्षा करने वालों के बर्ताव ने संवेदनशील लोगों को फिर से झकझोर दिया। हम शुष्क और बेपरवाह समाज में तब्दील होते जा रहे हैं। पुलिसिया झमेलों व सवाल-जवाब से बचने के बहाने प्रत्यक्षदर्शी बेरुखी अपना लेते हैं।
अदालतें बार-बार कह चुकी हैं कि मददगारों को पुलिस तंग नहीं कर सकती। मगर इसका भी जनता पर कोई असर नहीं हो रहा। अब तक महानगरवासियों की संवेदनशीलता को दोष दिया जाता था। मगर कालों के भी काल कहलाने वाले ज्योतिलिर्ंगों में शामिल शिव के नगरवासियों का यह निष्ठुर बर्ताव विचारणीय है।
कहना गलत नहीं है कि रेप पीड़िता के मन-मस्तिष्क पर पूरी जिंदगी इसका असर रहता है। इसलिए राज्य सरकार का फर्ज है कि इस बच्ची का मानसिक इलाज भी करवाए। देशवासियों को भी विचारना होगा कि वे अपने भीतर के करुणा भाव का गला यों न घोंटें।
Tweet |