मन की बात

Last Updated 02 Feb 2021 12:14:31 AM IST

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नये साल की पहली ‘मन की बात’ में गणतंत्र दिवस के दिन लाल किले पर हुए शर्मनाक घटना का हवाला देते हुए कहा कि तिरंगे का अपमान देखकर बहुत दुख हुआ।


मन की बात

यह स्वाभाविक भी है कि प्रधानमंत्री ही नहीं बल्कि देश का हर नागरिक उस घटना से बहुत आहत हुआ। लाल किला आजादी का प्रतीक है और कोई भी देशवासी अपने आजादी के प्रतीकों का और आजादी के नायकों का अपमान सहन नहीं कर सकता। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने आधे घंटे के मन की बात में ज्यादातर सकारात्मक घटनाओं का उल्लेख किया जिनसे भारत को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयासों को बल मिला है।

राजधानी दिल्ली के ईर्द-गिर्द चल रहे किसानों के आंदोलन के बीच प्रधानमंत्री ने कृषि क्षेत्र में सुधारों का जिक्र करते हुए कहा कि खेती को आधुनिक बनाने के लिए सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और इस दिशा में अनेक कदम उठा रही है। इसी क्रम में उन्होंने बुंदेलखंड में स्ट्राबेरी की खेती का उल्लेख किया। अभी तक यह फल पहाड़ों पर ही उगाया जाता था, लेकिन अब सूखा और अकाल के नाम से अपनी पहचान रखने वाला बुंदेलखंड में भी होने लगा है।

जाहिर है यह खेती में नवाचार का ही प्रतिफल है। इसके लिए उन किसानों को धन्यवाद दिया जाना चाहिए जो पारंपरिक खेती से हटकर नई तकनीक का सहारा ले रहे हैं। हालांकि काफी पहले से भारत में आधुनिक खेती को प्रोत्साहित करने की बात की जा रही है। ऐसा माना जा रहा है कि अत्यधिक रासायनिक खाद के इस्तेमाल से पंजाब और हरियाणा की जमीन की उर्वरा शक्ति कमजोर होने लगी है। इसके कारण गेहूं का उत्पादन भी कम होने लगा है। जाहिर है ऐसे समय में नकदी फसल की खेती करना उपयुक्त होगा।

इसकी मांग भी अधिक है और किसानों को इन फसल से आर्थिक लाभ भी अधिक होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने हार्डवर्क और टीम वर्क के महत्त्व को रेखांकित करते हुए देशवासियों को प्रेरित करने का सराहनीय प्रयास किया। वह राष्ट्र निर्माण में आत्मनिर्भरता को एक मजबूत हथियार के रूप में इस्तेमाल करना चाहते हैं। उनका विश्वास है कि देश के विकास में आत्मनिर्भरता अनिवार्य शर्त है। हमारे वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरसरोधी स्वदेशी वैक्सीन विकसित करके आत्मनिर्भरता का संदेश दिया है।



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