साइना को 50 लाख रूपये का नकद पुरस्कार देगी आंध्र सरकार
लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली साइना नेहवाल को आंध्र प्रदेश सरकार 50 लाख रूपए का इनाम देगी.
![]() साइना ने कहा अपनी जीत से बहुत खुश हैं वह |
मुख्यमंत्री एन किरण कुमार रेड्डी ने साइना को व्यक्तिगत तौर पर बधाई दी. वह उसी फ्लाइट से दिल्ली से हैदराबाद आ रहे थे जिसमें साइना थी.
राज्य सरकार ने इससे पहले निशानेबाज गगन नारंग को 50 लाख रूपये पुरस्कार देने की घोषणा की थी जिसने कांस्य पदक जीता है.
सपने जैसी थी जीत
साइना नेहवाल लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर अंदर से खुशी से झूम रही हैं और उनका कहना है कि विजय मंच पर खड़े होकर ओलंपिक पदक प्राप्त करना अब भी उन्हें सपने की तरह लग रहा है.
मीडिया में ‘इंडियन बैडमिंटन क्वीन’ के नाम से मशूहर साइना ओलंपिक कांस्य जीतकर मंगलवार 7 अगस्त को घर लौटीं और उनका हैदराबाद में भव्य स्वागत किया गया.
साइना के साथ उनके कोच पुलेला गोपीचंद और पिता हरवीर सिंह भी मौजूद थे. उन्होंने लंदन से आने के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘यह अविश्वसनीय है, मैं इसे बयां नहीं कर पा रही हूं. मैं खुश हूं कि मैंने वही किया जिसका मैंने वादा किया था. स्वर्ण पदक जीतना सपना है लेकिन मैं खुश हूं कि कम से कम मैंने कांस्य पदक जीता और मैं बैडमिंटन में ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय बन गयी हूं.’’
यह पूछने पर कि ऐतिहासिक ओलंपिक पदक गले में लटके होने से कैसा महसूस होता है तो उन्होंने कहा, ‘‘बाहर से मैं सामान्य हूं और गोपी सर भी सामान्य हैं लेकिन अंदर से हम खुशी से झूम रहे हैं.’’
बाईस वर्षीय हैदराबादी खिलाड़ी ने कहा कि सफलता की कहानी तो अभी शुरू ही हुई है और भविष्य में इससे भी अधिक उपलब्धियां हासिल करेगी.
साइना ने कहा, ‘‘जब मैं विजय मंच पर खड़ी थी तो मैंने रोना शुरू कर दिया था. मैं इतने वर्षों की अपनी मेहनत के बारे में सोच रही थी. इससे मुझे प्रेरणा मिलती है. यह अभी शुरूआत है. मैं आगे कई पदक जीतूंगी.’’
साइना के पदक के बिना अधूरा महसूस करता: गोपीचंद
साइना को ‘बेजोड़’ करार करते हुए उनके कोच पुलेला गोपीचंद ने आज कहा कि अगर साइना ने ओलंपिक पदक नहीं जीता होता तो उनकी जिंदगी अधूरी रहती.
गोपीचंद भी साइना के साथ ही लंदन से लौटे हैं . गोपीचंद ने साइना के साथ प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘इस पदक के बिना, मैं अधूरा महसूस करता. मैं इससे ज्यादा क्या कह सकता हूं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने एक दिन सपना देखा था कि हम ओलंपिक पदक लायेंगे. मेरे सारे लक्ष्य पूरे हो गये हैं. लेकिन यह सचमुच चुनौतीपूर्ण था. पिछले साल कई उतार चढ़ाव हुए थे. साइना 11 विभिन्न खिलाड़ियों से हारी थी.’’
सफलता से पहले वे किस दौर से गुजरे हैं गोपीचंद ने इसका खुलासा करते हुए कहा, ‘‘जब वह डेनमार्क के टूर्नामेंट में हार गयी थी तो वह मेरे पास रोती हुई आयी थी और उसने कहा, ‘भैया यह नहीं हो रहा है’. वह रो रही थी और मैंने भी रोना शुरू कर दिया . लेकिन मैंने उससे कहा, ‘हम ओलंपिक पदक जीतेंगे’.’’
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