भारतीय टेनिस खिलाड़ी प्रजनेश गुणेश्वरन ने शुक्रवार को पेशेवर टेनिस से संन्यास की घोषणा की। ये स्टार भारतीय खिलाड़ी एक समय करियर की सर्वोच्च एटीपी रैंकिंग 75 तक पहुंचे थे।
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35 वर्षीय खिलाड़ी ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए अपने फैसले की घोषणा करते हुए लिखा, "अपना रैकेट छोड़ रहा हूं। शुक्रिया।"
प्रजनेश ने इंस्टाग्राम पर लिखा, "इसे लिखते समय, तो मेरा दिल कृतज्ञता, गर्व और पुरानी यादों से भर गया है। आज, मैं आखिरी बार प्रतिस्पर्धी टेनिस कोर्ट से बाहर निकल रहा हूं। तीन दशकों से भी ज्यादा समय से, यह खेल मेरा आश्रय, मेरा सबसे बड़ा शिक्षक और मेरा सबसे वफादार साथी रहा है। अपने रैकेट के पहले शॉट से लेकर सबसे बड़े मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व करने तक, यह सफर किसी असाधारण से कम नहीं रहा है।"
गुणेश्वरन ने शीर्ष 100 में जगह बनाई और करियर की सर्वोच्च 75वीं रैंकिंग हासिल की, जो ओपन एरा में किसी भारतीय के लिए आठवीं सर्वोच्च रैंकिंग है। घुटने की चोट से वापसी करने के बाद 2019 में उन्होंने पुरुष एकल में भारतीय खिलाड़ी के रूप में नंबर 1 स्थान हासिल किया।
उन्होंने पांच ग्रैंड स्लैम मुख्य ड्रॉ में भाग लिया और 2019 में सभी चार स्लैम खेले। उनकी पेशेवर उपलब्धियों में दो एटीपी चैलेंजर खिताब और 2018 एशियाई खेलों में कांस्य पदक भी शामिल है।
उन्होंने पोस्ट में लिखा, "पसीने की हर बूंद, हर जीत, हर झटका यह सब मेरे व्यक्तित्व का हिस्सा है। टेनिस ने मुझे अनुशासन और बड़े सपने देखने की शक्ति सिखाई। इसने मुझे ऐसी दोस्ती दी जो सीमाओं से परे है और ऐसी यादें जो जीवन भर रहेंगी। इसने मुझे गहराई से खुदाई करने, आगे बढ़ने और बेहतर बनने की चुनौती दी। न केवल एक खिलाड़ी के रूप में बल्कि एक इंसान के रूप में भी मैंने बहुत कुछ अनुभव किया।"
चेन्नई के मूल निवासी ने पिछले कुछ वर्षों में चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बाद संन्यास लिया है क्योंकि वह कलाई की समस्या से जूझ रहे थे।
पोस्ट में लिखा गया है, "मेरे कोच, टीम के साथी और सबसे बढ़कर मेरा परिवार मेरे सबसे बड़े समर्थक रहे हैं। मेरे प्रशंसकों का जिन्होंने मुझे उतार-चढ़ाव के दौरान प्रोत्साहित किया। मैं उन सबका दिल से आभारी हूं। और उस खेल का जिसने मुझे सब कुछ दिया, मैं आपका दिल से आभारी हूं।"
प्रजनेश के संन्यास के बाद भारत के शीर्ष टेनिस खिलाड़ी रोहन बोपन्ना और महेश भूपति ने उन्हें उनके करियर के लिए बधाई दी।
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