Women Asian Champions Trophy: महिला एशियन चैंपियंस ट्रॉफी आज से, मलयेशिया के खिलाफ फिर खिताब जीतने के इरादे से उतरेगा भारत
Women Asian Champions Trophy: महिला एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी हॉकी में खिलाड़ियों और कोच दोनों के लिए राजगीर का नया स्टेडियम भारतीय हॉकी को परवान चढ़ाने का मौका दे सकता है।
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सोमवार से शुरू हो रही आठवें संस्करण की महिला एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी हॉकी प्रतियोगिता में भारत को अपने खिताब की रक्षा करने के लिए कई चुनौतियों से दो-चार होना पड़ेगा।
मेजबान होने के नाते भारत के लिए इस टूर्नामेंट के जरिए कई लक्ष्यों को एक साथ साधना है। लेकिन इसे पाने के लिए चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, मलयेशिया और थाईलैंड को हर हाल में पीछे छोड़ना पड़ेगा।
भारतीय कप्तान सलीमा टेटे पहले ही जता चुकी हैं कि वे राजगीर में शानदार हॉकी खेलने के लिए लालायित हैं। भारतीय खिलाड़ियों में नये वेन्यू को लेकर उत्सुकता है।
भारत ने पिछले साल रांची में इस टूर्नामेंट को जीता था और अब इसकी रक्षा करने के लिए सब कुछ झोंक देना होगा।
मेजबान होने का फायदा जरूर भारत को है, ऐसे में कुल मिलाकर तीसरी बार चैंपियन बनने के लिए दर्शकों के समर्थन की भी जरूरत पड़ेगी। तीन बार विजेता बनने का कारमाना केवल दक्षिण कोरियाई टीम ही कर सकी है।
आज के मुकाबले
दोपहर 12.15 बजे : जापान बनाम कोरिया
दोपहर 2.30 बजे : चीन बनाम थाईलैंड
शाम 4.45 बजे : भारत बनाम मलयेशिया
खट्टा-मीठा अनुभव
रांची में पिछली दो प्रतियोगिताओं में भारतीय महिला हॉकी टीम को कड़वे और स्वादिष्ट स्वाद चखने पड़े थे। पहले इसी टूर्नामेंट में विजेता बनकर दिखाया था लेकिन इसी साल के आरंभ में टीम ओलंपिक क्वालीफायर में चौथे स्थान पर रहकर पेरिस जाने से चूक गयी थी।
इसके विपरीत जापान और चीन ने अलग-अलग तरह से पेरिस का टिकट हासिल कर लिया था। चीन ने तो रजत पदक भी जीत लिया था। जाहिर है भारत के लिए अब राजगीर में एक ही मौका है और उसे केवल स्वर्ण पदक में बदलना ही बेहतर होगा।
नए कोच हरेंद्र सिंह का टेस्ट
पहले भी भारतीय महिला टीम के कोच रहे हरेंद्र सिंह अब कुछ साल बाद फिर से टीम के प्रशिक्षक हैं। उनके लिए टीम को पूर्व कोच यानेक शॉपमैन की तरह खिताब दिलाने की जिम्मेदारी है। पूर्व में जब वे टीम के कोच थे, तब उनके कार्यकाल में भारत ने 25 में से 12 मैच जीते और इतने हारे थे।
वंदना कटारिया और मोनिका जैसी खिलाड़ी टीम में नहीं हैं। ऐसे में बाकी खिलाड़ियों को बेहतर खेल दिखाना होगा। अनुभवी खिलाड़ियों के बीच कुछ मैचों में खेलने वाली मनीषा चौहान, सुनेलिता टोप्पो और मुमताज खान को चमकने का मौका है।
बिहार में पहली बार हो रही हॉकी की किसी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में दर्शकों को सलीमा टेटे, गोलकीपर सविता, सुशीला चानू, उपकप्तान नवनीत कौर जैसी खिलाड़ियों के लिए उत्साह बढ़ाने का मौका है।
भारत को खिताब से रोकने के लिए जापान, चीन और दक्षिण कोरिया तीन बड़े दावेदार हैं। लेकिन सभी टीमों ने नये सिरे से टीम को आगे ले जाने के लिए कई नई खिलाड़ियों को शामिल किया है।
चीन की 21 साल की जिनझुआंग टान दो दिन पहले ही एफआईएच वीमेस राइजिंग स्टार ऑफ द ईयर 2023 के अवार्ड से कुछ प्रतिशत वोट से पिछड़कर दूसरे स्थान पर रही थी। 33 मैचों का अनुभव रखने वाली इस खिलाड़ी को भी 35 नंबर की लाल और पीली जर्सी में खेलते हुए देखा जा सकेगा। इस टूर्नामेंट के बाद चीन और भारत को प्रो लीग में हिस्सा लेना है जो 30 नवम्बर से शुरू होगा।
ये रहेंगे टूर्नामेंट ऑफिसियल्स
► टेक्निकल डेलीगेट : नोराकामा हाशिम (मलयेशिया)
► टेक्निकल ऑफिसर : सोनिया बाथला (भारत), विनी विजयंती (भारत)
► जज : जानुआरिता डिसूजा (भारत), नूराफीह दाउद (मलयेशिया), लाउरा ली (कोरिया), सुकन्या रावत (भारत) रु झियोंग (चीन)
► अम्पायर्स मैनेजर : मि ओक लीग (कोरिया), एनी थॉमस (मलयेशिया)
► न्यूट्रल अम्पायर : केसिडी गैलाघेर (आस्ट्रेलिया), वालेरी कोह (सिंगापुर)
► नेशनल अम्पायर : यून सियोन किम (कोरिया), ओर्नपिमोल किट्टिीरासोपोन (थाईलैंड), याओ लियू (चीन), नूरासिकिन शारीउदीन (मलयेशिया), प्रीति सिंह (भारत), जुनको वागात्सुमा (जापान) और रुचिका वानखेडे (भारत)।
ये खिलाड़ी मनाएंगे अपना जन्मदिन
11 नवम्बर : सुनघी जुंग (कोरिया)
12 नवम्बर : यू कुडो (जापान)
13 नवम्बर : अनोंगनाट पिरेसराम (थाईलैंड)
15 नवम्बर : नेहा (भारत)
18 नवम्बर : मिन जियोंग किम (कोरिया)
20 नवम्बर : मेई मात्सुनामी (जापान)
20 नवम्बर : मियु हासेगावा (जापान)
20 नवम्बर : नूराथिराह श्यामसुल (मलयेशिया)
किसने क्या कहा
पिछली चैंपियन होने के नाते सभी को भारतीय टीम से ज्यादा उम्मीदें हैं। हमलोग अपने खिताब की रक्षा के लिए किसी भी चुनौती का सामना करने को तैयार हैं।-- सलीमा टेटे, कप्तान, भारतीय टीम
हमारी टीम में कई नई खिलाड़ी हैं। उन्हें खेलने का मौका देंगे। ==हुआंग योंगशेंग, हेड कोच, चीन
ओलंपिक क्वालीफायर्स के बाद हम पहली बार भारत आये हैं। जब भारत नहीं खेल रहा होता है तब दर्शकों का सबसे ज्यादा समर्थन हमें मिलता है। -- ओजावा काजुयुकी, हेड कोच, जापान
टूर्नामेंट में भाग ले रही सभी टीमें मजबूत हैं। इसलिए हम मैच दर मैच अपने खेल पर फोकस करेंगे। अपनी टीम को एशियन गेम्स के लिए तैयार करने का लक्ष्य बनाया है।--चीओन इनुबी, कप्तान, दक्षिण कोरिया
हमने काफी तैयारी की है। हमारा लक्ष्य सेमीफाइनल तक पहुंचना है। टीम के ज्यादातर खिलाड़ी अंडर-21 टीम के हैं।--बाए यंग वूक, हेड कोच, थाईलैंड
यहां की वेन्यू काफी अच्छी है। इसे लेकर उत्साहित हैं कि हमारी टीम भारत और चीन का किस तरह सामना करती है। -- नसिहिन इब्राहिम, हेड कोच, मलयेशिया
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