Wrestler Aman Sehrawat: रेसलर अमन सेहरावत बने भारत के सबसे युवा ओलंपिक मेडलिस्ट, शटलर क्वीन पीवी सिंधू को पछाड़ा

Last Updated 10 Aug 2024 11:18:32 AM IST

पेरिस ओलंपिक 2024 में शुक्रवार को पुरुषों के 57 किलोग्राम कुश्ती वर्ग में पहलवान अमन सहरावत ने कांस्य पदक जीतकर देश का नाम रोशन कर दिया है। इसके साथ ही भारत की अंकतालिका में छठा मेडल जुड़ गया।


अमन सहरावत ने यह सफलता इतनी कम उम्र में हासिल की है जो काबिले तारीफ है।

बता दें कि रेसलर अमन सहरावत ने शुक्रवार यानि 9 अगस्त को पेरिस ओलंपिक में पुरुषों की 57 किग्रा भार वर्ग प्रतियोगिता में प्यूर्टो रिको के डेरियन टोई क्रूज को 13-5 के अंतर से हराकर कांस्य पदक जीता। उन्होंने यह कारनामा मात्र 21 साल की उम्र में कर दिखाया हैं। इस जीत के साथ ही वह सबसे कम उम्र में व्यक्तिगत पदक जीतने वाले भारतीय खिलाड़ी बन गए है। उनसे पहले यह रिकॉर्ड बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु के नाम था जिन्होंने रियो ओलंपिक 2016 में पदक जीता था। रियो ओलंपिक 2016 में पीवी सिंधु की उम्र 21 साल 1 महीने और 14 दिन थी। जबकि अमन ने 21 साल 24 दिन की उम्र में मेडल जीता है।


अयोग्य घोषित होने से बार-बार बचे अमन सहरावत
जैसे पिछले दिनों भारत की विनेश फोगाट को 100 ग्राम वजन अधिक होने की वजह से उन्हें मैच से ठीक पहले अयोग्य घोषित कर दिया गया था। ऐसी ही परिस्थिति मुकाबले से ठीक पहले ओलंपिक कांस्य पदक जीतने वाले भारत के सबसे युवा खिलाड़ी अमन को भी सामना करना पड़ा। जब सेमीफाइनल मैच के बाद अमन का वजन तय सीमा से 4 किलो ज्यादा पाया गया। अब कांस्य पदक के प्लेआफ के लिये मैट पर उतरने से पहले उनके सामने वजन कम करने की एक बड़ी चुनौती थी।

ऐसे में सीनियर भारतीय कोच जगमंदर सिंह और वीरेंद्र दहिया ने अमन का वजन कम करने के लिए उनसे 10 घंटे कड़ी मेहनत करवाई। इस दौरान अमन को डेढ़ घंटे तक मैट सेशन कराया गया, वहीं उन्हें एक घंटे तक गर्म पानी से नहलाया गया। अमन सहरावत ने ट्रेडमिल पर एक घंटे लगातार दौड़ भी लगाई। वहीं 5-5 मिनट के सौना बाथ के भी पांच सेशन हुए। कोच और अमन सहरावत की 10 घंटे की कड़ी मेहनत के चलते सुबह करीब 4:30 बजे पर अमन का वजन तय सीमा 57 किलोग्राम से थोड़ा कम 56.9 किलोग्राम आने के बाद सभी ने राहत की सांस ली।

बता दे कि अमन सहरावत ओलंपिक में पदक जीतने वाले भारत के सातवें पहलवान बन गए हैं। उन्होंने पुएर्तो रिको के डारियन क्रूज को हराकर कांस्य पदक जीता ।

अमन से पहले केडी जाधव (1952 में कांस्य), सुशील कुमार (2008 में कांस्य और 2012 में रजत), योगेश्वर दत्त (2012 में कांस्य), साक्षी मलिक (2016 में कांस्य), बजरंग पुनिया (2020 में कांस्य) और रवि दहिया (2020 में)  यह कारनामा कर चुके हैं।
 

सहारा समय लाईव
पेरिस


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