डोंगला: यहां 21 जून को परछाई छोड़ देगी साथ
मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले के महिदपुर तहसील के डोंगला में 21 जून को कुछ समय के लिये किसी भी चीज की परछाई नजर नहीं आयेगी.
(फाइल फोटो) |
धार्मिक नगरी उज्जैन से कर्क रेखा गुजरती है और जब सूर्य कर्क पर पहुंचता है तो ऐसा ही नजारा पवित्र क्षिप्रा नदी किनारे स्थित 84 महादेव के तहत आने वाले कर्कराज मंदिर और डोंगला क्षेत्र में कुछ देर के लिये दिखता है.
इसी कारण ‘आचार्य वराह मिहिर न्यास उज्जैन’ ने भारत की प्रमुख छठी पद्मश्री डॉ विष्णु श्रीधर वाकणकर वेधशाला की स्थापना डोंगला में की है. न्यास द्वारा यहां तीन यंत्र बनाए जा चुके हैं. इनमें भी भास्कर यंत्र विशेष है जो अन्य किसी भी वेधशाला में नहीं है.
वेधशाला के प्रकल्प अधिकारी घनश्याम रतनानी ने बताया कि डोंगला में 21 जून को दोपहर 12 बजकर 28 मिनट पर सूर्य 23 अंश 26 मिनट उत्तरी अक्षांश पर कर्क राशि में प्रवेश करके उत्तरायण से दक्षिणायन में गमन करेगा और इस क्षेत्र में छाया शून्य होने की स्थिति निर्मित होने के कारण लोगों की परछाई भी साथ छोड़ देगी.
उन्होंने बताया कि ग्राम डोंगला में अक्षांश भी 23 अंश 26 मिनट ही है. इस कारण कर्क रेखा निश्चित ही ग्राम डोंगला से होकर गुजरती है. उज्जैन का अक्षांश 23 डिग्री 11 मिनट है इसके चलते उज्जैन में शून्य छाया का नारा 13 जून और 30 जून को देखा जा सकता है और डोंगला में अक्षांश 23 डिग्री 26 मिनट होने से यहां 21 जून को ही छाया शून्य की स्थिति बनती है.
रतनानी ने बताया कि यहां स्थापित यंत्रों से खगोलीय घटना प्रत्यक्ष देखी जा सकती है. यहां मध्य प्रदेश विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद् द्वारा प्रदेश का सबसे बड़ा ऑप्टीकल टेलीस्कोप स्थापित किया है, ताकि खगोलीय घटनाओं का सूक्ष्मता से अध्ययन हो सके और खगोलीय शोध केन्द्र के रूप में इसका उपयोग हो सके.
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