विश्व की सर्वाधिक ऊंचाई पर भारत का DRDO शोध केंद्र
DRDO ने जम्मू-कश्मीर के लद्दाख में पैंगोंग झील के समीप चांगला में दुनिया में सबसे अधिक ऊंचाई पर एक शोध केंद्र की स्थापना की है.
भारत का DRDO शोध केंद्र (फाइल फोटो) |
इसका इस्तेमाल आने वाली पीढ़ियों के लिए दुर्लभ और विलुप्तप्राय: औषधीय पौधों के संरक्षण के लिए प्राकृतिक शीतल भंडारण गृह के रूप में किया जाएगा.डीआरडीओ के घटक संस्थान डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ हाई एल्टिट्यूड, लेह ने समुद्र की सतह से 17600 फुट की ऊंचाई पर यह केंद्र स्थापित किया है.
लेह से 75 किलोमीटर दूर पैंगोंग झील की तरफ लद्दाख के अत्यधिक ठंडे क्षेत्र में इस केंद्र की स्थापना की गई है. लद्दाख में सर्दी के दौरान कभी-कभी पारा शून्य से 40 डिग्री सेल्सियस नीचे तक भी गिर जाता है.
डीआरडीओ के महानिदेशक डॉ एस क्रिस्टोफर ने जीव विज्ञान के महानिदेशक डॉ मानस मंडल और डीआईएचएआर लेह के निदेशक डॉ भुवनेश कुमार तथा विभिन्न वैज्ञानिकों और अधिकारियों की मौजूदगी में इस शोध केंद्र का उद्घाटन किया. इस शोध केंद्र का इस्तेमाल अत्यधिक ऊंचाई पर तैनात जवानों के लिए खाद्य, कृषि और बायो मेडिकल साइंसेज के क्षेत्रों में शोध कार्य के वास्ते किया जाएगा.
इस शोध केंद्र में कई जीव विज्ञान से संबंधित कार्य भी किए जाएंगे. इस मौके पर डॉ भुवनेश कुमार ने कहा ‘जीव विज्ञान की गतिविधियों के अलावा चांगला में अत्यधिक ठंडे मौसम और ऊंचाई पर स्थित इस शोध केंद्र का इस्तेमाल डीआरडीओ की अन्य प्रयोगशालाएं इलेक्ट्रॉनिक्स एवं संचार यंत्रों के परीक्षण, अत्यधिक ऊंचाई पर बैटरियों और ईधन सेल का परीक्षण और यूएवी माइक्रो इंजन आदि के परीक्षण के लिए कर सकती है.’
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