जोशीमठ में लगातार हो रहे भू-धंसाव को लेकर बढ़ रही चिंताओं के बीच एसीएस की अध्यक्षता में शुक्रवार को बैठक की जाएगी। इसमें प्रभावितों के पुनर्वास राहत पैकेज को लेकर चर्चा की जाएगी। वहीं, सीएम पुष्कर सिंह धामी भी जोशीमठ को लेकर समीक्षा बैठक करेंगे।
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बता दें कि राज्य सरकार केंद्र को अंतरिम राहत पैकेज का प्रस्ताव भेजने की तैयारी कर रही है। यह राहत पैकेज करीब 1500 से 2000 करोड़ का हो सकता है।
आपको बता दें कि, भू-धंसाव का सामना कर रहे जोशीमठ का एक बड़ा हिस्सा खोखला हो चुका है। पानी के साथ भारी मात्रा में मिट्टी बह गई है। वहीं, जांच एजेंसियों की रिपोर्ट में सामने आया है कि, अब तक करीब 460 जगह जमीन के अंदर 40 से 50 मीटर तक गहरी दरारें मिली हैं। ऐसे में भू-धंसाव से प्रभावित 30 फीसदी क्षेत्र कभी भी धंस सकता है। इसलिए इस क्षेत्र में बसे करीब 4000 प्रभावितों को तुरंत विस्थापित करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। दरार वाले भवनों को जल्द ध्वस्त करना होगा।
साथ ही, सर्वे में पाया गया कि भू-धंसाव वाले क्षेत्र में 2500 मकान हैं। जिनमें रहने वाले 4000 लोग प्रभावित हैं। वहीं, दरार वाले 30 फीसदी भवन तुरंत ध्वस्त करने की सिफारिश की गई है। जबकि बाकी भवनों की रेट्रोफिटिंग की संभावना तलाशने का भी सुझाव दिया है।
जोशीमठ का ढलानदार पहाड़ मलबे के ढेर पर बना है, जो मिट्टी बोल्डरों को बांधे थी, वह पानी के साथ बह चुकी है। बोल्डरों के नीचे का हिस्सा खोखला हो चुका है। इसलिए भार सहने की क्षमता धीरे-धीरे खत्म हो रही है। वहीं, सीबीआरआई ने विस्थापन के लिए तीन साइट देख ली है।
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