धर्मसंसद में कथित ‘नफरत फैलाने वाले भाषण’ की होगी एसआईटी जांच
हरिद्वार में हाल में आयोजित ‘धर्म संसद’ के दौरान कुछ प्रतिभागियों द्वारा कथित तौर पर नफरत फैलाने वाले भाषण देने के मामले की जांच के लिए रविवार को एसआईटी गठित की गई।
धर्मसंसद में कथित ‘नफरत फैलाने वाले भाषण’ की होगी एसआईटी जांच |
गढ़वाल के पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) के एस नागन्याल ने बताया, मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित की गई है।
जब उनसे पूछा गया कि क्या इस मामले से जुड़े कुछ लोगों की गिरफ्तारी भी होगी तो नागन्याल ने बताया, निश्चित तौर पर अगर जांच में पुख्ता सबूत मिलते हैं, तो गिरफ्तारी होगी।
अधिकारी ने कहा, हमने एसआईटी का गठन किया है। वह जांच करेगी। अगर इसमें शामिल लोगों के खिलाफ पुख्ता सबूत मिलते हैं, तो उचित कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने बताया, इस मामले में पांच लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है जिनमें वसीम रिजवी, जिन्होंने पिछले महीने हिंदू धर्म अपनाने के बाद जितेंद्र नरायण त्यागी नाम रख लिया है, साधवी अन्नपूर्णा धर्मदास,संत सिंधु सागर और धर्म संसद के आयोजक एवं गाजियाबाद के डासना मंदिर के मुख्य पुजारी यति नरसिम्हानंद शामिल हैं।
उत्तराखंड की भाजपा सरकार पर हरिद्वार में 16 से 19 दिसम्बर के बीच आयोजित ‘धर्म संसद’ में मुस्लिमों के खिलाफ कथित तौर पर नफरत फैलाने वाले भाषण देने वालों पर कार्रवाई करने को लेकर विभन्न धड़ों का दबाव है।
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