उत्तराखंड में बेघरों को मिलेगी छत, बसेगा केदारनाथ

Last Updated 10 Sep 2013 04:28:29 PM IST

मुखयमंत्री बहुगुणा ने लोगों के लिए पुनर्निर्माण की योजनाओं का ऐलान किया जिन्होंने प्राकृतिक आपदा में अपना सब कुछ गंवा दिया.


विजय बहुगुणा (फाइल फोटो)

प्राकृतिक आपदा में अपना सब कुछ गंवाने वालों को 30 अक्तूबर से पहले घर मुहैया कराये जायेंगे जिसके लिये सरकार ने 19 जगह तलाश ली हैं जहां पूर्वनिर्मित ढांचे स्थापित किये जायेंगे. मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने उम्मीद जताई कि अगले साल तक राज्य की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाया जा सकेगा.

बहुगुणा ने एक इंटरव्यू में पुनर्वास और बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण की योजनाओं के बारे में बताते हुए कहा, बाढ़ में बेघर हुए लोगों को बसाने के लिये हमने 19 जगहें तलाश ली हैं, जिन पर पूर्वनिर्मित (प्रीफैब्रिकेटेड) ढांचे स्थापित किये जायेंगे. एक गांव में 70 से 100 परिवारों को बसाया जायेगा और ये मकान कच्चे नहीं होंगे, बल्कि 35 साल से अधिक चलेंगे. इनमें अस्पताल, स्कूल, सामुदायिक भवन समेत सारी सुविधायें होंगी.

उन्होंने बताया, 'इसके लिये टेंडर जारी कर दिये गए हैं और उम्मीद है कि 30 अक्तूबर से पहले काम पूरा हो जायेगा. फिलहाल राज्य सरकार बेघरों को 3000 रूपये मासिक किराया दे रही है. सर्दियों से पहले उनके पुनर्वास के लिये युद्धस्तर पर काम चल रहा है' बहुगुणा ने कहा कि राज्य की अर्थव्यवस्था पर्यटन पर आधारित है और अगले साल गर्मियों तक इसे पटरी पर लाने के पूरे उपाय किये जा रहे हैं.
 
बहुगुणा ने कहा, 'हम युद्धस्तर पर प्रयास कर रहे हैं मौसम ने साथ दिया तो उम्मीद है कि अगले साल गर्मियों तक अर्थव्यवस्था पटरी पर आ जायेगी'. उन्होंने कहा कि पुनर्वास और बुनियादी ढांचा फिर खड़ा करने के काम में वित्तीय बाधा नहीं है और केदारनाथ मंदिर के पुनरोद्धार में भी वह दूसरे राज्यों से मदद लेने को तैयार हैं'.

बहुगुणा ने कहा, 'हमें केंद्र से पूरा सहयोग मिल रहा है . जहां तक केदारनाथ मंदिर के पुनरोद्धार का सवाल है तो वह राज्य सरकार खुद करेगी लेकिन हम दूसरे राज्यों से आर्थिक मदद लेने को तैयार हैं. हम इसका बजट और डिजाइन सार्वजनिक करेंगे जिसके बाद लोगों से प्रतिक्रिया मांगेंगे. फिर राज्य सरकारें अगर मदद करना चाहती है तो हमें स्वीकार होगी'

उन्होंने केदारनाथ को कोष एकत्र कराने का जरिया नहीं बनाने की अपील करते हुए कहा, 'मैं सभी एनजीओ और संस्थाओं से अपील करूंगा कि केदारनाथ को कोष एकत्र करने का जरिया नहीं बनाये । कोई नकद लेन देन ना हो और सिर्फ चेक के जरिये राज्य सरकार को मदद पहुंचाई जाये'

केदारनाथ के लिये भावी योजनाओं का खुलासा करते हुए उन्होंने कहा कि पूरे वैज्ञानिक तरीके से घाटी को फिर बसाया जायेगा.

उन्होंने कहा, 'अब मंदिर का परिसर एकदम खुला होगा और मंदिर के आसपास कोई निर्माण कार्य नहीं होगा. बाढ़ में मंदिर की रक्षा करने वाली दिव्य शिला को मजबूत करके स्मारक बनाया जायेगा'.

उन्होंने बताया कि कल केदारनाथ मंदिर में पूजा आरंभ होने के साथ ही घाटी में नर्सिंग कालेज, डिग्री कालेज और नयी तहसील का शिलान्यास भी किया जायेगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य में अमरनाथ यात्रा की तरह ही केदारनाथ यात्रा में भी तीर्थयात्रियों का पंजीयन अनिवार्य होगा. उन्होंने कहा, 'तीर्थयात्रियों का पंजीयन अनिवार्य किया जायेगा और रात्रि विश्राम का भी आंकड़ा रखा जायेगा ताकि पता चल सके कि कौन किस समय कहां है हम वैकल्पिक रास्ते के लिये भी अनुरोध कर रहे हैं ताकि भविष्य में किसी आपदा की स्थिति में निकासी जल्दी हो सके इसके साथ ही केबल कारों के प्रयोग को बढ़ावा दिया जायेगा'.

मृतक संख्या के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि कुल 4116 लोग मारे गए हैं जिनके मृत्यु प्रमाणपत्र जल्दी जारी किये जायेंगे .

मुखयमंत्री बहुगुणा ने कहा ,'आपदा में मारे गए लोगों की कुल संख्या 4116 है, जिसमें उत्तराखंड और दूसरे राज्यों के तीर्थयात्री शामिल हैं सभी लापता लोगों को भी मृत मान लिया गया है दूसरे राज्यों के मृत्यु प्रमाणपत्र जल्दी ही मुख्य सचिवों को भेजे जायेंगे'

उन्होंने बताया कि अभी तक राज्य सरकार 136 करोड़ रूपये मुआवजे के तौर पर बांट चुकी है जिसमें हर मृतक के परिवार को पांच लाख रूपये और 16 साल से अधिक उम्र की लड़की की शादी के लिये एक एक लाख रूपये की एफडी शामिल है.



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