एप्पल के सह-संस्थापक दिवंगत स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल ने रविवार को महाकुंभ के लिए प्रयागराज जाने से पहले वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन किए। लॉरेन के साथ निरंजनी अखाड़े के स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज भी मंदिर गए।
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भारतीय परिधान (गुलाबी सूट और सिर पर सफेद दुपट्टा) पहने लॉरेन ने काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह के बाहर से पूजा-अर्चना की।
स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज ने कहा, "उन्होंने मंदिर की परंपराओं का पालन किया...हमारी भारतीय परंपरा के अनुसार, काशी विश्वनाथ में कोई गैर हिंदू शिवलिंग को नहीं छू सकता। इस कारण उन्हें बाहर से शिवलिंग के दर्शन कराए गए।"
कैलाशानंद गिरि महाराज ने आगे बताया कि लॉरेन ने महाकुंभ के बिना किसी बाधा या कठिनाई के सफलतापूर्वक संपन्न होने के लिए प्रार्थना की।
उन्होंने कहा, "आज हम काशी में महादेव से प्रार्थना करने आए हैं कि कुंभ बिना किसी बाधा के संपन्न हो... मैं यहां महादेव को आमंत्रित करने आया हूं। हमारे शिष्य महर्षि व्यासानंद अमेरिका से हमारे साथ हैं। कल वह मेरे अखाड़े में महामंडलेश्वर बन रहे हैं।"
लॉरेन, जिनका नाम बदलकर 'कमला' कर दिया गया है, उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में होने वाले आगामी महाकुंभ में भाग लेंगी।
कैलाशानंद गिरि महाराज के अनुसार, वह कुंभ में रहेंगी और गंगा में डुबकी लगाने की भी योजना बना रही हैं।
प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू होने वाला महाकुंभ मेला 26 फरवरी को समाप्त होगा। यह मेला हर 12 साल में एक बार आयोजित किया जाता है।
यूपी सरकार ने इस आयोजन को सुरक्षित और भव्य बनाने के लिए व्यापक सुरक्षा उपाय लागू किए हैं और विस्तृत व्यवस्था की है। हजारों एआई सीसीटीवी कैमरा, अंडरवाटर ड्रोन और भक्तों के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं स्थापित की गई हैं। इस आयोजन में 40 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है।
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