एनसीआर के सबसे ग्रीन शहर ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने मुहिम और तेज कर दी है।
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प्राधिकरण ने सफाई के लिहाज से पूरे शहर को 18 हिस्सों में बांटते हुए सुपरवाइजर और सेनेटरी इंस्पेक्टर तैनात कर दिए हैं। गंदगी मिलने पर वे संबंधित वेंडर को सूचित करेंगे और कूड़ा उठवाकर वहां सफाई सुनिश्चित करेंगे। ये अपने एरिया में कूड़ा जलाने वालों पर भी नजर रखेंगे।
प्रदूषण को रोकने के लिए एनसीआर में ग्रैप टू नियम लागू है। इसे ध्यान में रखते हुए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण पर काबू पाने के लिए सभी आवश्यक इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं। प्राधिकरण का परियोजना विभाग, स्वास्थ्य और उद्यान सहित अन्य संबंधित विभाग इस काम में जुटे हैं।
प्राधिकरण के ओएसडी अभिषेक पाठक ने बताया कि ग्रेटर नोएडा में अलग-अलग निर्माण साइटों पर 132 एंटी स्मॉग गन लगाए गए हैं। इसके साथ ही 66 वाटर टैंकर से सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जा रहा है, ताकि धूल न उड़े। इस काम में एसटीपी से शोधित पानी का इस्तेमाल किया जा रहा है। सड़कों की सफाई के लिए चार मैकेनिकल स्वीपिंग मशीन लगाई गई है। 10 वाटर टैंकरों से पेड़ों की धूल को साफ किया जा रहा है।
इन इंतजामों के साथ ही प्रदूषण फैलाने वालों पर प्राधिकरण कार्रवाई भी कर रहा है। प्राधिकरण की तरफ से अब तक कूड़ा उठाने में लापरवाही करने और कूड़े में आग लगाने वालों पर 80 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया है। ये जुर्माना संबंधित वेंडरों पर लगाया है।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ आशुतोष द्विवेदी ने बताया कि अगर कहीं भी कूड़ा जलता दिखे तो प्राधिकरण के कॉल सेंटर नंबर 0120-2336046/47/48/49 पर सूचना अवश्य दें। इसके साथ ही प्राधिकरण के मित्रा ऐप पर भी इसकी जानकारी दी जा सकती है। उन्होंने निवासियों से ग्रेटर नोएडा को स्वच्छ रखने में सहयोग की अपील की है।
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