और सगे भाई-बहन ने कर ली शादी
क्या एक सगे भाई-बहन शादी और सकते हैं? सुनकर अटपटा जरूर लग रहा है, लेकिन ऐसा हुआ है।
और सगे भाई-बहन ने कर ली शादी |
जब मामले की हकीकत सामने आई तो लोगों के होश उड़ गए। चारों तरफ उन दोनों भाई बहन को लेकर तरह-तरह की बातें होने लगीं। खैर इस शादी की हकीकत क्या है, हम आपको बताएंगे अपने वीडियो में। दरअसल दोनों भाई-बहन ने शादी की लेकिन पति-पत्नी बनने के लिए नहीं बल्कि सरकारी लाभ उठाने के लिए। अब आप सोच रहे होंगे कि भला शादी करने से सरकारी लाभ कैसे मिल सकता है। जी हां, इसका जवाब है, मिल सकता है। कैसे और क्यों ,हम आपको बताते हैं। दरअसल मुख्यमंत्री सामुहिक विवाह योजना के तहत उत्तर प्रदेश सरकार दुल्हन के खाते में अच्छा-खासा पैसे डालती है। इसी योजना का लाभ उठाने के लिए दोनों भाई-बहन ने नकली शादी करने का स्वांग रचाया।
इस शादी की खबर तब लगी जब स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत की। इसके बाद इस धोखधड़ी के बारे में खुलासा हुआ। इसके बाद मामला एसडीएम तक पहुंचा इसके बाद अधिकारी ने कार्रवाई की और जांच के आदेश दिए ! कथित तौर पर भाई-बहन ने यह घोटाला मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत मिलने वाले लाभ के लिए किया गया था। जिसमें दुल्हन के बैंक खाते में 35,000 और जोड़े के जरूरी सामान के लिए 10,000 मिलते हैं। इसके अलावा 6,000 रुपये और मिलते हैं।
एक समाचार चैनल के मुताबिक इस योजना के लाभ के लिए सिकंदराराऊ के रहने वाले दो शादीशुदा जोड़ों की भी दोबारा शादी कराई गई। इसके अलावा भाई-बहन के आपस में शादी करने का मामला भी सामने आया है। आस-पास के लोगों ने इस मामले को एसडीएम के सामने उठाथा था जिसके बाद जांच में खुलासा हुआ। रिपोर्ट्स के मुताबिक, शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि नगर निगम के एक कर्मचारी ने सामुदायिक विवाह योजना के तहत पैसे पाने के लिए ये शादियां करवाईं। मामला सामने आने के बाद एसडीएम वेद सिंह चौहान ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
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