मथुरा शाही ईदगाह विवाद: इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश से नाराज मुस्लिम पक्ष ने SC में दायर की याचिका
सुप्रीम कोर्ट ने मथुरा शाही ईदगाह और कृष्ण जन्मभूमि के आयुक्त सर्वेक्षण पर अंतरिम रोक को आगे बढ़ाते हुए कहा कि वह मामले का अध्ययन करने के बाद ही मामले की सुनवाई करेगा।
मथुरा शाही ईदगाह और कृष्ण जन्मभूमि |
मथुरा शाही ईदगाह और कृष्ण जन्मभूमि विवाद पर इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले से नाराज मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। मुस्लिम पक्ष ने 1 अगस्त को हाई कोर्ट द्वारा पारित आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें संपत्ति को लेकर हिंदू पक्ष द्वारा दायर सिविल सूट को सुनवाई के योग्य माना गया है और मुस्लिम पक्ष की याचिकाओं को बर्खास्त कर दिया गया। मुस्लिम पक्ष ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को मानने से इनकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति के लिए याचिका दायर की है।
उधर, सुप्रीम कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद-श्रीकृष्ण जन्मभूमि के कमिश्नरी सर्वे पर अंतरिम रोक बढ़ा दी है। कोर्ट ने कहा कि वे मामले का अध्ययन करने के बाद ही मामले की सुनवाई करेंगे। इससे पहले मुस्लिम पक्ष ने इस विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसके बाद कोर्ट ने सुनवाई स्थगित कर दी थी, कोर्ट ने कहा कि मामले की सुनवाई 18 नवंबर को होगी जिसमें दोनों पक्षों की दलीलें सुनी जाएंगी।
गौरतलब है कि मथुरा शाही ईदगाह और कृष्ण जन्मभूमि के बीच विवाद 13.37 एकड़ जमीन को लेकर है। इसमें लगभग 11 एकड़ भूमि पर श्री कृष्ण जन्मस्थान मंदिर और 2.37 एकड़ भूमि पर शाही ईदगाह मस्जिद है। हिंदू पक्ष का दावा है कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर बने प्राचीन केशुनाथ मंदिर को तोड़कर उसी जमीन पर शाही ईदगाह मस्जिद बनाई गई थी। दावा किया जाता है कि औरंगजेब ने 1669-70 में इस जगह को अवैध रूप से ढहा दिया और कब्जा कर लिया और फिर मस्जिद का निर्माण किया गया। हालांकि मुस्लिम पक्ष का कहना है कि इतिहास में मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाने का कोई सबूत नहीं है, बस बातों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है।
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