Yogi Adityanath ने दिए सख्त निर्देश, तीन बार से ज़्यादा पेनॉल्टी लगी तो ब्लैक लिस्ट करें फर्म

Last Updated 09 Dec 2023 08:15:47 AM IST

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि प्रत्येक अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव अपने विभाग की निर्माणाधीन परियोजनाओं की पाक्षिक समीक्षा करें।


कार्य में देरी हो, मासिक टाइमलाइन का पालन न हुआ हो, गुणवत्ता मानक के अनुरूप न हो तो तत्काल जवाबदेही तय करें। समयबद्धता और गुणवत्ता का मानक पूरा न करने वाली फर्म पर पेनॉल्टी लगाई जाए। यदि तीन बार पेनॉल्टी लगानी पड़े तो संबंधित फर्म को ब्लैक लिस्ट कर दिया जाए।

मुख्यमंत्री योगी ने शुक्रवार को विभिन्न विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिवों के साथ महत्वपूर्ण बैठक में निर्माणाधीन परियोजनाओं की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि जनपद चंदौली, बुलन्दशहर, बिजनौर, ललितपुर, पीलीभीत, कानपुर देहात, गोंडा, औरैया, लखीमपुर खीरी, कौशाम्बी, कुशीनगर, सुल्तानपुर, सोनभद्र मेडिकल कॉलेजों में आगामी सत्र से एमबीबीएस में प्रवेश होना है।

इन सभी 13 मेडिकल कॉलेजों के निर्माण कार्य को प्रत्येक दशा में जनवरी के अंत तक पूरा करा लिया जाए। हैंडओवर लेने से पूर्व कार्य की गुणवत्ता की सूक्ष्मता से जांच की जाए। इन सभी मेडिकल कॉलेजों का शुभारंभ एक साथ हो, इस लक्ष्य के साथ तेजी से काम पूरा कराएं।

उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ के भवन निर्माण को इसी माह में पूरा करा लें। महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय, गोरखपुर और अमेठी मेडिकल कॉलेज के निर्माण कार्यों को तेज करने की आवश्यकता है।

मां शाकुम्भरी विश्वविद्यालय, सहारनपुर, राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय, अलीगढ़, महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय, आजमगढ़ में अध्ययन-अध्यापन प्रारंभ हो चुका है। आगामी सत्र से सभी विश्वविद्यालय अपने परिसर में संचालित हों, इसके लिए इनका निर्माण कार्य 31 जनवरी तक पूरा करा लिया जाए।

योगी ने कहा कि सैनिक स्कूल, गोरखपुर का काम जनवरी और यूनानी मेडिकल कॉलेज, बरेली के निर्माण कार्य में तेजी लाते हुए आगामी फरवरी तक पूरा करा लें। सांस्कृतिक सद्भावना केंद्र, रामपुर का निर्माण कार्य की गति अपेक्षानुरूप नहीं है।

इसमें तेजी अपेक्षित है। मेडिकल कॉलेज, विश्वविद्यालय, कारागार सहित निर्माण कार्य से जुड़ी किसी भी परियोजना का बजट पुनरीक्षण न किया जाए। 10 जनपदों में प्रस्तावित जिला न्यायालय के निर्माण के लिए भूमि चयन, कंसल्टेंट चयन डीपीआर आदि की प्रक्रिया में विलंब न हो। नियोजन विभाग द्वारा इसे शीर्ष प्राथमिकता दी जाए।

आईएएनएस
उत्तर प्रदेश


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