जो मस्जिद, मंदिर तोड़कर बनाई जाए वह हमें स्वीकार नहीं : मदनी

Last Updated 07 Dec 2023 09:53:58 PM IST

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि जो मस्जिद, मंदिर तोड़कर बनाई जाए, वह हमें स्वीकार नहीं है। मदनी गुरुवार को जमीयत की पूर्वी उत्तर प्रदेश की 37 जिला इकाइयों के सम्मेलन को संबोधित करने लखनऊ पहुंचे थे।




जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी

इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से कहा कि जो मस्जिद, मंदिर तोड़कर बनाई जाए, इस्लाम में वह मस्जिद स्वीकार नहीं है। जहां तक अयोध्या की बात है तो सुप्रीम कोर्ट ने यह नहीं माना है कि राम मंदिर तोड़कर बाबरी मस्जिद बनी थी।

उन्‍होंने कहा क‍ि जो इल्जाम बाबर पर लगे थे कि उसने राम मंदिर तोड़कर बाबरी मस्जिद बना ली, आज वही इल्जाम मौजूदा लोगों पर लग गए हैं कि उन्होंने मस्जिद तोड़कर राम मंदिर बना लिया। सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने के बाद बाबर तो इस इल्जाम से बरी हो गया।

मदरसों की जांच पर अरशद मदनी ने कहा कि जो मदरसे सरकारी पैसा खा रहे हैं, उनकी जांच हो रही है। अगर कहीं से भी विदेश से फंडिंग हो रही है, तो इसका सबूत दिया जाना चाहिए। हमारे हिंदुस्तान में पैसे की कोई कमी नहीं है और सारी फंडिंग यहीं से हो रही है।

हलाल प्रोडक्ट पर मदनी ने कहा कि यूपी में एक भी हलाल सर्टिफाइड मरकज नहीं है। अगर कहीं पर है तो हमें बताएं। हम सियासी दलों को भी पैगाम (संदेश) देना चाहते हैं। चाहे वे सत्ता में हो या नहीं कि वे प्यार-मोहब्बत का ही प्रचार करें, नफरत और दूरी का नहीं। मुल्क की भलाई इसी में है।

उन्होंने मुसलमानों को मुल्क की मौजूदा सूरते-हाल में संयम से काम लेने की हिदायत दी। ‘लव जिहाद’ का जिक्र करते हुए मौलाना मदनी ने कहा कि उन्होंने 80 साल तक यह शब्द नहीं सुना था और दावा किया कि यह उन्हीं लोगों का ईजाद (गढ़ा) किया हुआ शब्द है, जो खुद मुल्क के अंदर नफरत पैदा करना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि हम मुसलमानों से कहते हैं कि अपनी बच्चियों के लिए ज्यादा से ज्यादा तादाद में अलग स्कूल खोलो, ताकि मुसलमानों पर 'लव जिहाद' का आरोप लगाकर इसकी आड़ में उनकी बेटियों के साथ गलत करने की कोशिश करने वाले लोगों को रोका जा सके।

आईएएनएस
लखनऊ


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