घोसी में घमासान, NDA या I.N.D.I.A किसका बचेगा सम्मान ?
उत्तर प्रदेश की मऊ जिले की घोसी विधानसभा सीट इस समय NDA और I.N.D.I.A के लिए प्रतिष्ठा की सीट बन गई है।
![]() Dara Singh Chauhan and Sudhakar Singh |
इस सीट के लिए हो रहे उपचुनाव में सिर्फ दो ही प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। भाजपा से दारा सिंह चौहान जबकि समाजवादी पार्टी ने सुधाकर सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है। हालांकि इस चुनाव परिणाम से किसी भी पार्टी की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन यहां की जीत बहुत कुछ तय कर देगी। इंडिया गठबंधन से सैद्धांतिक रूप से बाहर रहने वाली मायावती ने अपना प्रत्याशी नहीं उतारा है। ऐसे में उनको लेकर आशंका जताई जा रही है कि क्या मायावती की पार्टी बसपा, अंदर खाने सपा के प्रत्याशी को समर्थन देगी ?
कांग्रेस ने भी अपना प्रत्याशी नहीं खड़ा किया है। ऐसे में अभी तक यह तय नहीं हो पाया है कि कांग्रेस सपा के प्रत्यासी को समर्थन देगी या नहीं। हालांकि घोसी में जातिगत समीकरणों के आधार पर समाजवादी पार्टी भारी पड़ती नजर आ रही है। इंडिया गठबंधन बनने से पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक सीट एक उम्मीदवार का फार्मूला दिया था। वह एक सीट एक उम्मीदवार का फार्मूला इस चुनाव में तो दिखाई पड़ रहा है लेकिन अभी तक सपा के प्रत्याशी को समर्थन देने की किसी ने घोषणा नहीं की है। घोसी की सीट सपा के खाते में चली गई तो पूरे देश में इंडिया गठबंधन को लेकर एक संदेश जाएगा। साथ ही साथ यह भी संदेश जाएगा कि अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश में इंडिया गठबंधन का नेतृत्व करने में सक्षम हैं। आगामी 5 सितंबर को घोसी विधानसभा के उपचुनाव के लिए वोटिंग होनी है। जबकि 8 सितंबर को परिणाम घोषित किया जाएगा। घोसी विधानसभा क्षेत्र में जातिगत वोटों का समीकरण इस प्रकार है।
लगभग सवा चार लाख वोटों वाली इस विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम मतदाता लगभग 80000 हैं, यादव मतदाता 40000 हैं, राजभर लगभग 35000, चौहान 46000,मल्लाह 70000,दलित 60000,भूमिहार 35000,क्षत्रिय 40000,ब्राह्मण 20000 जबकि बाकी अन्य जातियों की भी वोटें हैं। जातिगत समीकरणों की बात करें तो सपा का उम्मीदवार सब पर भारी पड़ता हुआ दिखाई दे रहा है। यह उप चुनाव भाजपा प्रत्यासी की वजह से हो रहा है।
भाजपा प्रत्याशी दारा सिंह चौहान 2022 में साइकिल की सवारी करके चुनाव में उतरे थे। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी विजय राजभर को लगभग 22 हजार वोटों से हराया था। कुछ दिन पहले उन्होंने विधानसभा की सदस्यता से स्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया था। दारा सिंह चौहान ने 2022 में इन्हीं वोटरों से साइकिल के लिए वोट मांगा था। अब कमल के लिए वोट मांग रहे हैं। उनके नामांकन में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी,उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक समेत दर्जनों बड़े नेता शामिल हुए थे।
दोनों उम्मीदवारों की पृष्ट भूमि की बात करें तो सपा उम्मीदवार सुधाकर सिंह राजपूत बिरादरी से आते हैं। ऐसे में यही उम्मीद जताई जा रही है कि इन्हें सपा का कोर वोटर यानी मुस्लिम और यादव तो वोट करेगा ही साथ ही साथ अन्य अपर कास्ट की वोटें भी मिल सकती हैं। दूसरी तरफ दारा सिंह चौहान पिछड़ी जाति से आते हैं। भाजपा की वोटें लगभग हर बिरादरी में हैं। लेकिन इस चुनाव में असली भूमिका बसपा के वोटरों की होगी। चूंकि पिछले चुनाव में बसपा के प्रत्याशी वसीम इकबाल को लगभग 54 हजार वोटें मिलीं थीं। कुल मिलाकर दोनों प्रत्याशियों में से किसी की भी जीत की अग्रिम घोषणा नहीं की जा सकती, चाहे कोई कितना ही जोर लगा ले।
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