UP Scholarship scam: डायरी से खुलेगा राज, कई अफसर होंगे बेनकाब
UP में केंद्र सरकार से मिलने वाली छात्रवृत्ति में हुए करोड़ों के घोटाले (UP Scholarship scam) का सारा लेखा-जोखा एक डायरी में मौजूद है।
छात्रवृत्ति घोटाला |
रकम कितनी आई और किस तरह से बंदरबांट किया गया, किन-किन अफसरों को कैसे रकम पहुंचाई गई, जल्द ही ईडी इसका खुलासा कर सकती है।
सोमवार को विशेष न्यायाधीश सीबीआई ने तीनों आरोपितों की रिमांड अवधि 8 मई तक बढ़ा दी है।
बताया जा रहा है कि हाइजिया ग्रुप (Hygia Group) के संचालक का एक करीबी छात्रवृत्ति घोटाले (Scholarship scam) का पूरा काम देखता था। पड़ताल में उसका नाम सामने आते ही वह भाग निकला। उसका मोबाइल नम्बर स्विच ऑफ हो गया और घर में ताला लगा हुआ है।
ED ने आरोपितों इजहार हुसैन जाफरी (Izhar Hussain Jafri), अली अब्बास (Ali Abbas) और कर्मचारी रवि प्रकाश गुप्ता (Ravi Prakash Gupta) को पांच दिन की रिमांड पर लिया था, जोकि सोमवार को समाप्त हो गई। आरोपितों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से सात दिन की और रिमांड मिल गई है।
इस ग्रुप के जरिए अन्य संस्थानों ने फिनो पेमेंट बैंक के एजेंटों से सम्पर्क कर करीब 3000 फर्जी खाते खुलवाए। फिर इसमें से छात्रवृत्ति की रकम निकाल ली गई। पड़ताल में सामने आया कि समाज कल्याण विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण और दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के तत्कालीन अफसरों की मिली भगत से खेल हुआ है।
खास आदमी देखता था छात्रवृत्ति घोटाले (Scholarship scam) का काम: ईडी (ED) के सूत्रों के मुताबिक, हाइजिया ग्रुप के संचालक इजहार जाफरी (Izhar Jafri, director of Hygia Group) का खास आदमी (ठाकुरगंज में जल निगम रोड पर रहने वाला) छात्रवृत्ति घोटाले का काम देखता था। तीन लोगों की गिरफ्तारी के बाद से वह फरार है।
आशंका है कि सौ करोड़ से अधिक का छात्रवृत्ति घोटाला (Scholarship scam0 हुआ है। इजहार के खास के पास एक डायरी है, जिसमें सिलेसिलेवार जानकारियां मौजूद हैं। वह उतरौला का रहने वाला है। लिहाजा, गुपचुप तरीके से उसकी तलाश की जा रही है। हालांकि, एफआईआर में उसका नाम नहीं है।
विभाग और अधिकारियों के नाम भी शामिल: किस विभाग के तत्कालीन अधिकारी को कौन सी तारीख में कितनी रकम दी गई। इस डायरी में अधिकारी का नाम, मोबाइल नम्बर तक लिखा हुआ है।
इजहार की बेनामी सम्पत्तियां कहां-कहां हैं और किसके नाम पर खरीदी गई हैं, का भी ब्योरा उसके खास आदमी के पास है। यह बताया जा रहा है कि सात दिन की रिमांड में काफी चीजें साफ हो सकेंगी। यहीं नहीं अधिकारियों के नाम और विभाग भी सामने आएंगे।
निजी अस्पताल में भर्ती आरोपित गायब हुआ: एफआईआर में नामजद आरोपित सईद इशरत (Syed Ishrat) ने गिरफ्तारी से बचने के लिए खुद को बीमार दिखाया। इसके बाद वह निजी अस्पताल में भर्ती हुआ, लेकिन वह अस्पताल से कब गायब हो गया, इसकी भनक ईडी और पुलिस को नहीं लगी। फिलहाल, उसकी तलाश की जा रही है।
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