लखीमपुर हिंसाः किसान और प्रशासन के बीच हुआ समझौता, मृतक के परिवार को 45 लाख, HC के रिटायर्ड जज से होगी जांच

Last Updated 04 Oct 2021 12:55:08 PM IST

लखीमपुर खीरी के तिकोनिया शहर में रविवार को हुई हिंसा के करीब 24 घंटे बाद प्रशासन और किसान नेताओं के बीच समझौता हो गया है। इससे एक दिन पहले एक विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में नौ लोगों की मौत हो गई।


लखीमपुर हिंसाः प्रशासन-किसानों में इन शर्तों पर समझौता (फाइल फोटो

फिलहाल पार्थिव शरीरों को घटना स्थल से पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा रहा है, वहीं किसान भी अब अपने अपने गंतव्य स्थानों की ओर बढ़ने लगे हैं।

इस पूरे मसले पर प्रशांत कुमार एडीजी लॉ एंड आर्डर के न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कहा, हमने किसान सगठनों और तमाम लोगों से बात की, उसमें यह स्पष्ट किया गया कि शासन के द्वारा पूर्व में ही इस घटना पर खेद जताया जा चुका है। शासन द्वारा यह भी कहा गया है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। इस घटना में जो भी दोषी होंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने कहा, मृतकों को 45 लाख रुपए का मुआवजा, घयालों को 10 लाख का मुआवजा दिया जाएगा साथ ही इस पूरे घटना क्रम की एक रिटायर्ड हाई कोर्ट जज के द्वारा ज्यूडिशियल जांच आर्डर की गई है। इसके अलावा मृतकों के परिवार के एक सदस्य को उसके योगिता के अनुसार लोकल स्थर पर नौकरी दी जाएगी।

क्या 4 मृतकों को मुआवजा दिया जाएगा या पांच को ? क्योंकि किसान 5 लोगों के लिए मांग कर रहें है। इस सवाल के जवाब में प्रशांत कुमार ने बताया, अभी तक उनके पक्ष के 4 लोग ही हैं। यदि ऐसी कोई मांग आती है तो शासन अवश्य उसमें अपने हिसाब से निर्णय लेगा।

हालांकि किसान नेताओं ने अपने सभी किसानों ने विभिन्न जगहों पर लगाए गए जामों को खोलने की अपील भी कर दी है।

गृह राज्यमंत्री के पुत्र समेत कई अन्य के खिलाफ मामला दर्ज

लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने दो एफआईआर दर्ज की हैं। अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने न्यूज एजेंसी को बताया कि इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पुत्र आशीष मिश्रा सहित कई अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया हैं।

उन्होंने कहा कि अभी प्राथमिकी की प्रति उपलब्ध नहीं हुई है इसलिये किन- किन धाराओं में मामला दर्ज हुआ है इस बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध नहीं है।

उधर लखीमपुर खीरी में मौजूद अपर पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने बताया, “मैं घटनास्थल पर ही हूं। इस मामले में दोनों पक्षों की तरफ से एफआईआर हुई हैं। अभी विस्तृत जानकारी उपलब्ध नही है क्योंकि यहां इंटरनेट व्यवस्था काम नहीं कर रही हैं।” उन्होंने कहा कि शीघ्र ही मीडिया को विस्तृत जानकारी उपलब्ध करायी जायेंगी।


इस दौरान भारतिय किसान यूनियन नेता राकेश टिकैत ने लोगों को संबोधित कर कहा, यह दुखद घटना है किसानो के लिए, पुलिस प्रशासन ने भी बताया कि इस तरह की घटना पहली बार हुई।

उन्होंने कहा, मंत्री के बेटे के ऊपर मुकदम्मा दर्ज हुआ है और उसमें मंत्री का नाम भी शामिल हैं। परिवार के लिए आर्थिक सहायता भी हुई है। 45 लाख रुपये अब तक 4 शहीदों को मिलेगा वहीं पांचवे मृतक को लेकर भी जल्द फैसला किया जाएगा।

उन्होंने कहा , कोई भी वीडियो यदि आपके पास है तो आप साझा करें, क्योंकि मंत्री का अब पद भी जाएगा। अब पांच डोक्टरों के सामने पोस्टमार्टम होगा और कैमरे के सामने होगा। उसके बाद दाह संस्कार होगा जब तक हम यहीं रहेंगे। परिवार के साथ संयुक्त मोर्चे के लोग साथ खड़े हैं।

इससे पहले किसान नेताओं और प्रशासन के बीच संयुक्त प्रेस वार्ता कर इस पूरे मसले पर फैसला सुनाया गया, जिसके बाद किसान नेताओं ने घटना स्थल पर मौजूद किसानों को संबोधित भी किया था।

फिलहाल घटना स्थल पर बनी हुई तनाव की स्थिति अब कम होने लगी है, उधर किसान नेताओं ने परिवार के सदस्यों को अपने अपने रीति रिवाजों के अनुसार अंतिम संस्कार करने को कहा है।

इससे पहले पांच डोक्टरों की टीम के सामने और कैमरे की निगरानी में मृतकों के पोस्टमार्टम कराया जाएगा। हालांकि जिन जगहों पर गाड़ियां जलाई गई थी, उस जगह पर किसान अभी भी भीड़ जमा करके खड़े है और तस्वीरें खींच रहे हैं।

जिले में अभी तक इंटरनेट सेवाएं शुरू नहीं हुई है, हालांकि किसानों ने यह भी कहा है कि हमारे बीच समझौता हो चुका है, अब इंटरनेट सेवा शुरू कर दिया जाए।

इलाके में फिलहाल भारी संख्या में पुलिस बल, एसएसबी और आरएएफ जवानों को तैनात किया गया है। साथ ही इलाके में अब शांतिपूर्ण माहौल बना हुआ है।

आईएएनएस/भाषा
लखनऊ


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