लखीमपुर खीरी हिंसा: अब विपक्ष की सियासत तेज, धारा 144 लागू, प्रशासन मुस्तैद
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद राजनीतिक दौरे और कानून व्यवस्था को देखते हुए जिला प्रशासन ने धारा 144 लागू कर दिया है।
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लखीमपुर की घटना को लेकर उत्तर प्रदेश की सियासत गरमा गई है। विपक्षी दल सरकार की घेराबंदी करने के लिए वहां जाने को बेताब दिख रहे है। प्रशासन ने पूरी मुस्तैदी से उन्हें रोकने की रणनीति बना रखी है। आप से राज्यसभा सदस्य संजय सिंह व भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर को सीतापुर में रोका गया है।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, पार्टी सांसद प्रोफेसर राम गोपाल यादव और यूपी के पूर्व मंत्री शिवपाल यादव को लखनऊ में धारा 144 के उल्लंघन के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है। अखिलेश यादव और प्रोफेसर राम गोपाल यादव को उस समय गिरफ्तार किया गया, जब वे समाजवादी पार्टी कार्यालय के सामने धरना दे रहे थे।
दोनों नेताओं को अन्य कार्यकतार्ओं के साथ इको गार्डन ले जाया गया है।
इस बीच, शिवपाल यादव को सीतापुर रोड पर इंजीनियरिंग कॉलेज के पास से गिरफ्तार किया गया, जब वह लखीमपुर जा रहे थे, और उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच पुलिस लाइन लाया गया है।
पुलिस आयुक्त डी के ठाकुर ने इन नेताओं की गिरफ्तारी की पुष्टि की।
छत्तसीगढ़ के सीएम भूपेश बघेल व पंजाब के उप मुख्यमंत्री को लखनऊ एयरपोर्ट पर रोकने का निर्देश जारी किया गया है। उधर योगी सरकार ने मामले को नियंत्रण में कर रखा है। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार के साथ बड़े पुलिस अधिकारी तथा अपर मुख्य सचिव देवेश चतुर्वेदी व कृषि उत्पादन आयुक्त कल से लखीमपुर में डटे हैं। जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है, जबकि लखीमपुर खीरी जिला प्रशासन की किसान नेता राकेश टिकैत के साथ दो दौर की वार्ता के बाद अब तीसरे दौर की वार्ता भी जारी है।
कल रात प्रियंका किसानों से मुलाकात करने के लिए हालांकि लखनऊ से निकलने में कामयाब रहीं थी, लेकिन सीतापुर पुलिस ने हरगांव में उन्हें 4 बजे हिरासत में लिया है।
वहीं सतीश चंद्र मिश्रा को भी लखनऊ आवास में नजरबंद कर लिया गया। उधर, सपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव खीरी आने के एलान के बाद पुलिस हाउस अरेस्ट करने की तैयारी में है। अखिलेश के आवास के बाहर पुलिस का पहरा लगा दिया गया है। बकायदा ट्रक-गाड़ियां लगा दी गई हैं। सपा के कार्यकर्ता यहां धीरे-धीरे जुटने लगे हैं। हालांकि, कई और नेता जो लखीमपुर के लिए निकले थे उन्हें पुलिस ने रोक लिया है। उधर, रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी सोमवार को लखीमपुर खीरी जाने का एलान किया है। इधर कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी के घर के सामने पुलिस का पहरा लगा हुआ है।
Police force deployed outside former Chief Minister and Samajwadi Party president Akhilesh Yadav's residence at Vikramaditya Marg ahead of his scheduled visit to Lakhimpur Kheri where 8 people including 4 farmers died in clashes yesterday pic.twitter.com/iQf0zmCrAp
— ANI UP (@ANINewsUP) October 4, 2021
बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा कि बसपा के राष्ट्रीय महासचिव व राज्यसभा सांसद एससी मिश्रा को कल देर रात यहां लखनऊ में उनके निवास पर नजरबन्द कर दिया गया जो अभी भी जारी हे ताकि उनके नेतृत्व में पार्टी का प्रतिनिधिमण्डल लखीमपुर खीरी जाकर किसान हत्याकांड की सही रिपोर्ट न प्राप्त कर सके। यह अति-दु:खद व निन्दनीय।
उन्होंने आगे कहा कि यूपी के दु:खद खीरी कांड में भाजपा के दो मंत्रियों की संलिप्तता के कारण इस घटना की सही सरकारी जांच व पीड़ितों के साथ न्याय तथा दोषियों को सख्त सजा संभव नहीं लगती है। इसलिए इस घटना की, जिसमें अब तक 8 लोगों के मरने की पुष्टि हुई है, न्यायिक जांच जरूरी, बसपा की यही मांग है।
जिलाधिकारी अरविन्द चौरसिया ने बताया कि किसानों से कई चीजों पर चर्चा हुई है। किसानों ने मांग पत्र दिया है। उनकी मांग गृह राज्य मंत्री को बर्खास्त करने, केस दर्ज करने, मृतकों के आश्रितों को मुआवजा धनराशि के साथ घर के एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने और पूरे घटनाक्रम की न्यायिक जांच कराने की है। हमने इसे उच्चस्तर पर भेजा है, हम एक दौर की वार्ता और करेंगे।
लखीमपुर खीरी जिले के आसपास भारी पुलिस तैनाती और बैरिकेडिंग से जनजीवन ठप हो गया है क्योंकि स्थानीय लोगों सहित अन्य लोगों को उस इलाके में जाने की इजाजत नहीं दी जा रही है जहां रविवार को हुई हिंसा में नौ लोगों की मौत हो गई थी।
पलिया, पूरनपुर, भीरा, बिजुआ और खजुरिया सहित आसपास के गांवों में पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है। साथ ही हिंसा स्थल से कम से कम 60-70 किमी दूर वाहनों को रोका जा रहा है, जो दुधवा राष्ट्रीय उद्यान से लगभग 40-45 किमी दूर है।
नेपाल सीमा के पास स्थित इलाके में टूर और ट्रैवल बसों की सेवाएं भी ठप हो गई हैं।
एक जानकारी के अनुसार, पुलिस को निर्देश दिया गया है कि वे शांति से स्थिति को संभालें और किसानों के खिलाफ बल प्रयोग न करें। भारी पुलिस तैनाती के अलावा, सैकड़ों किसान अपने ट्रैक्टरों के साथ सुबह से ही इलाके में जमा हो गए, जिसके कारण क्षेत्र में यातायात अवरुद्ध हो गया।
लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए केवल पैदल यात्रा करने की अनुमति दी जा रही है।
रविवार को, जिले में कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन तब हिंसक हो गया, जब कुछ अज्ञात व्यक्तियों द्वारा कथित तौर पर किसानों पर गोलियां चलाईं।
कुछ प्रदर्शनकारियों के वाहनों की चपेट में आने से आक्रोशित किसानों ने तीन जीपों में आग लगा दी। इनमें से एक वाहन केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा का बताया जा रहा है।
रविवार की हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर नौ हो गई है और भाजपा ने दावा किया कि मृतकों में एक ड्राइवर और तीन भाजपा कार्यकर्ता शामिल हैं।
इस घटना के बाद प्रियंका गांधी समेत कई विपक्षी नेताओं को लखीमपुर खीरी की ओर बढ़ने से रोक दिया गया।
इस बीच, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार देर रात जारी एक बयान में कहा है कि वह अपने राज्य में हुई हिंसा से दुखी हैं, जिसमें चार किसानों सहित नौ लोगों की मौत हो गई थी। उन्होंने जांच के बाद जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का वादा किया और शांति बनाए रखने की अपील की।
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