ओवैसी का बड़ा आरोप- अखिलेश यादव और मायावती की वजह से नरेंद्र मोदी दो बार पीएम बने

Last Updated 09 Sep 2021 10:36:08 AM IST

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बुधवार को आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी दो बार प्रधानमंत्री समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश (यादव) एवं बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती की नासमझी की वजह से बने।


असदुद्दीन ओवैसी (file photo)

ओवैसी ने उत्तर प्रदेश के अपने दौरे के दूसरे दिन बुधवार को विरोधियों के उन आरोपों को खारिज किया, जिसमें उन्हें राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य में वोट काटने वाले के रूप में पेश किया गया था।

अयोध्या के रूदौली से आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पार्टी के अभियान की शुरुआत करने के एक दिन बाद ओवैसी सुल्तानपुर जिले के ओदरा गांव में बुधवार को एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे।

बाद में ओवैसी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि ‘‘आज का मुसलमान जान चुका है कि कई पार्टियां उनके वोट तो लेती हैं लेकिन उनका नेता नहीं बनाती और न ही पार्टी में उनकी कोई इज्जत होती है।’’

इससे पहले ओवैसी ने जनसभा में कहा, ‘‘कहा जाता है़ ओवैसी लड़ेगा तो वोट काट देगा।’’

उन्होंने सवाल किया, ‘‘सुलतानपुर में आप सबने अखिलेश यादव को झोली भर कर वोट दिया तो सूर्या (सूर्यभान सिंह भाजपा विधायक) कैसे जीते? 2019 में लोकसभा के चुनाव में सुलतानपुर से भाजपा कैसे जीती, तब ओवैसी तो चुनाव नहीं लड़ रहा था। क्या अखिलेश यादव ने कहा कि हिंदू ने वोट नहीं किया इसलिए हारे? क्यों मुसलमानों को कहते हैं, मुसलमानों ने वोट नहीं दिया, क्या मुसलमान कैदी हैं?’’ ओवैसी ने ये भी कहा कि दो बार भाजपा मुसलमानों के वोटो से नहीं जीती है़।

इस आरोप को खारिज करते हुए कि उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़कर ओवैसी भाजपा के प्रतिद्वंद्वियों के वोट खराब करेंगे, हैदराबाद के सांसद ने सवाल किया, ‘‘जब आप सभी (मुसलमानों) ने अखिलेश यादव की पार्टी को वोट दिया तो पिछले विधानसभा चुनाव में यहां से एक भाजपा उम्मीदवार कैसे जीता? इसी तरह भाजपा ने 2019 में सुल्तानपुर से लोकसभा चुनाव कैसे जीता, जबकि एआईएमआईएम वहां नहीं लड़ी थी?’’

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष यादव पर तीखा हमला करते हुए ओवैसी ने सवाल किया, ‘‘क्या मुसलमान आपके गुलाम हैं?’’ उन्होंने कहा, "नरेंद्र मोदी अखिलेश और मायावती की 'नासमझी' के कारण दो बार प्रधानमंत्री बने।’’ हालांकि वह इस बारे में कुछ विस्तार से नहीं बोले।

ओवैसी ने कहा कि लोकसभा के चुनाव में मजलिस (एआईएमआईएम) तीन सीटों हैदराबाद, औरंगाबाद और किशनगंज से चुनाव लड़ी। उन्होंने कहा, ‘‘हमने हैदराबाद में भाजपा को हराया, हमें हराने मोदी और अमित शाह आए थे, लेकिन उनकी दाल नहीं गली। औरंगाबाद में 21 साल से शिवसेना सांसद को मजलिस ने हराया। किशनगंज में हम हार जरुर गए लेकिन लाखों वोट मिले।’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘'जहां मैं लड़ता हूं वहां भाजपा नहीं जीतती। हम चाहते हैं कि आपकी आवाज को विधानसभा व संसद में उठाने वाला आपका नुमाइंदा हो। यह तभी होगा जब हम सब अपने लोगों को चुनकर भेजेंगे।''

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा,‘‘केंद्र ने उत्तर प्रदेश में अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए 116 करोड़ रुपये प्रदान किए थे, लेकिन उन्होंने इसमें से केवल 10 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।’’

उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, ‘‘मैंने संसद में इस मुद्दे को उठाया था जबकि अखिलेश ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी थी।’’

बाद में पत्रकारों से बातचीत में ओवैसी ने दावा करते हुए कहा कि ‘‘आज का मुसलमान जान चुका है, कि कई पार्टियों उनके वोट तो लेती हैं लेकिन उनका नेता नहीं बनाती और न ही पार्टी में उनकी कोई इज्जत होती है। मुसलमानों में अब तब्दीली है, हर समाज का नेता है, उस समाज को फायदा मिल रहा है। तो मुस्लिम भी चाहता है कि चाहे शिक्षा हो या अर्थव्यवस्था हो, उसमें उसकी हिस्सेदारी हो।’’

सपा विधायक इरफान सोलंकी द्वारा छत्तीसगढ़ की तर्ज पर उत्तर प्रदेश विधानसभा में नमाज के लिए जगह निश्चित किये जाने की मांग के सवाल पर ओवैसी ने कहा, ‘‘इन जनाब को उत्तर प्रदेश के मुसलमानों को ये बताना चाहिए कि अखिलेश यादव के दौर में मुजफ्फरनगर का जो कांड हुआ था, 50 हजार मुसलमान अपना घर छोड़कर चले गए थे, कितने मुसलमान वापस गए अब तक? कितनी मस्जिदें वीरान पड़ी हैं, वहां गए अब तक? इनको शर्म नहीं आती इस तरह की बात करते हुए। वो मस्जिदें जो वीरान पड़ी हैं जाइए वहां नमाज पढ़िए। आजादी के बाद, बंटवारे के बाद इतनी बड़ी तादाद में मुसलमान बेघर हुए हैं, उसकी बात नहीं करेंगे।’’

ओवैसी ने कहा, ‘‘मेरी कोशिश है कि उत्तर प्रदेश के चुनाव से पहले जहाँ-जहाँ मेरा संगठन मजबूत हो चुका है वहां जाकर अपने लोगों व वहां की जनता से मुलाकात करूँ। यह चुनाव की तैयारी है ताकि चुनाव में अच्छा नतीजा आये।’’

ओवैसी ने मंगलवार को लखनऊ में 2022 में उत्तर प्रदेश में राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण विधानसभा चुनाव में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन के 100 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की थी । उन्होंने मंगलवार को अयोध्या के रूदौली से अपना अभियान शुरू किया था।

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को अयोध्या के रूदौली कस्बे की रैली में दावा किया था कि धर्मनिरपेक्षता के नाम पर मुसलमानों को ठगा गया है और उन्होंने जनता से किए गए खोखले वादों को साबित करने के लिए समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के साथ आमने-सामने बहस करने की मांग की थी।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता के नाम पर मुसलमानों के साथ विश्वासघात किया गया है। उन्होंने कहा कि जो आज असहाय हैं वे उत्तर प्रदेश के मुसलमान हैं।

मंगलवार को उनकी रैली का स्थान धन्नीपुर से लगभग 20 किमी दूर था, जहां राम जन्मभूमि मामले में उच्चतम न्यायालय के निर्देश के तहत एक मस्जिद बन रही है।

भाषा
सुल्तानपुर (उप्र)


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