मुजफ्फरनगर दंगा 2013: आठ साल में 1100 लोग बरी और सिर्फ सात दोषी करार

Last Updated 07 Sep 2021 01:37:42 PM IST

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में 2013 के सांप्रदायिक दंगों को आठ साल हो चुके हैं और इस दौरान हत्या, बलात्कार, डकैती एवं आगजनी से संबंधित 97 मामलों में 1,117 लोग सबूतों के अभाव में बरी हो गए।


मुजफ्फरनगर दंगा: आठ साल में 1100 लोग बरी (प्रतिकात्मक फोटो)

इन आठ वर्षों में सिर्फ सात लोग दोषी पाए गए। इन लोगों को कवाल गांव में सचिन और गौरव नामक दो युवकों की हत्या से जुड़े मामलों में दोषी करार दिया गया। इन दो युवकों की हत्या और 27 अगस्त, 2013 को शाहनवाज नामक एक अन्य युवक की चाकू मारकर हत्या के बाद दंगे भड़क गए थे।

दंगों से जुड़े मामलों की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा विशेष जांच दल(एसआईटी) का गठन किया गया था।

एसआईटी के अधिकारियों के मुताबिक, पुलिसने 1,480 लोगों के खिलाफ 510 मामले दर्ज किए और 175 मामलों में आरोप पत्र दायर किया।

एसआईटी के एक अधिकारी ने बताया कि 97 मामलों में अदालत ने फैसला किया और 1,117 लोगों को सबूतों के अभाव में बरी किया। उन्होंने कहा कि अभियोजन ने अभी इन मामलों में अपील दायर नहीं की है।

कवाल गांव में दो युवकों की हत्या के मामले में सात लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।

एसआईटी 20 मामलों में आरोप पत्र दायर कर नहीं सकी क्योंकि राज्य सरकार की ओर से उसे मुकदमा चलाने की अनुमति नहीं मिली।

इस बीच, उत्तर प्रदेश सरकार ने दंगों से जुड़े 77 मामलों को वापस लेने का फैसला किया है, लेकिन अदालत ने उत्तर प्रदेश के मंत्री सुरेश राणा, भाजपा विधायक संगीत सोम समेत 12 भाजपा विधायकों के खिलाफ सिर्फ एक मामला वापस लेने की अनुमति दी है।

एसआईटी के अधिकारियों के अनुसार, 264 आरोपी अभी अदालती कार्यवाही का सामना कर रहे हैं।

दंगों में 60 से अधिक लोग मारे गए थे और 40 हजार से ज्यादा लोग विस्थापित हो गए थे।

भाषा
मुजफ्फरनगर


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment