कल्याण सिंह के नाम से जाना जाएगा लखनऊ कैंसर संस्थान और बुलंदशहर का मेडिकल कालेज

Last Updated 26 Aug 2021 02:45:02 PM IST

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा के कद्दावर नेता रहे कल्याण सिंह के नाम पर अब लखनऊ कैंसर संस्थान और बुलंदशहर का राजकीय मेडिकल कॉलेज जाना जाएगा।


उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)

गुरूवार को मुख्यमंत्री कार्यालय से ट्वीटर के माध्यम से मिली जानकारी में बताया गया कि पूर्व मुख्यमंत्री स्व. कल्याण सिंह जी के जनसेवा भाव को नमन करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजकीय मेडिकल कॉलेज, बुलंदशहर तथा सुपर स्पेशियलिटी कैंसर संस्थान, चक गंजरिया, लखनऊ का नामकरण स्व.कल्याण सिंह के नाम पर करने का निर्णय लिया है।

इससे पहले उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने 6 जिलों में सड़कों का नाम पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह मार्ग करने का फैसला किया है। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री तथा लोक निर्माण विभाग के मंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि अयोध्या सहित छह जिलों लखनऊ, अलीगढ़, एटा, बुलंदशहर, प्रयागराज में एक-एक महत्वपूर्ण सड़क का कल्याण सिंह मार्ग नामकरण किया जाएगा। सड़क अब कल्याण सिंह के नाम पर होगी। इसके साथ ही अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर तक जाने वाली सड़क का नाम कल्याण सिंह मार्ग होगा।



ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का 21 अगस्त को निधन हो गया। कुछ दिनों से कल्याण सिंह की तबीयत नाजुक बनी हुई थी। उन्होंने 89 साल की उम्र में पीजीआई लखनऊ में आखिरी सांस ली। बीते 21 जून को सांस लेने में तकलीफ के चलते उन्हें लखनऊ के लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में स्वास्थ्य में सुधार नहीं होने पर चार जुलाई को उन्हें पीजीआई में भर्ती कराया गया था। उनके निधन पर तमाम दिग्गज सियासी हस्तियों ने अपनी संवेदनाएं जाहिर की हैं। कल्याण सिंह के निधन के बाद यूपी के मुख्यमंत्री योगी लगातर तीन दिन तक उनके परिजन की तरह साथ निभाते रहे।

कल्याण सिंह के बेटे सांसद राजवीर सिंह ने उनके पिता के दाह संस्कार में साथ देने के लिए मुख्यमंत्री योगी की तारीफ की थी। उन्होंने मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए एक भावुक पोस्ट लिखी। इस पोस्ट में उन्होंने बताया कि कैसे सीएम योगी अस्पताल से कल्याण सिंह के पार्थिव शरीर के साथ ही उनके घर गए और वहां शांति पाठ कराया। वह विधानभवन और भाजपा कार्यालय भी गए। फिर अलीगढ़ स्थित पैतृक गांव आकर खुद सारी व्यवस्थाएं संभाल लीं।

उन्होंने लिखा-जिस व्यक्तित्व ने अपने पिता के निधन पर उत्तर प्रदेश सरकार की जिम्मेदारियों की व्यस्तता के चलते उनके अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं हुए। मुख्यमंत्री जी आपने प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में नहीं, बाबू जी के निधन के पश्चात 3 दिन उनके पार्थिव शरीर और दाह संस्कार तक साथ रहकर रामभक्त आदरणीय बाबूजी जी के बड़े बेटे का हक निभाया है, जिसके लिए मैं, मेरा परिवार और क्षेत्र की जनता सदैव आपकी ऋणी रहेगी। ऐसे योगी के लिए मैं नतमस्तक हूं।

आईएएनएस
लखनऊ


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