उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी में ससुर ने पैसे के लिए अपनी बहू का ही सौदा कर दिया। उसने गुजरात के एक युवक से 80 हजार में उसे बेच दिया।
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इतना ही नहीं बहू को धोखे में रखकर उसके साथ भेज भी दिया।
जानकारी पर पति ने शिकायत की तो महिला थाना पुलिस ने गुजरात से विवाह करने आए युवक सहित कुल आठ लोगों को गिरफ्तार कर मानव तस्करी का मुकदमा लिखा है।
अपर पुलिस अधीक्षक डॉ अवधेश सिंह ने आज कहा कि रामनगर के मल्लापुर गांव में रहने वाले चंद्रराम वर्मा के पुत्र प्रिंस ने 2019 में असम की एक युवती से प्रेम विवाह कर लिया था।
प्रिंस इस युवती से इंटरनेट के जरिए संपर्क में आया था। प्रिंस पत्नी के साथ गाजियाबाद में रहता और टैक्सी चलता था।
इसी गांव का रामू गौतम जो गुजरात अहमदाबाद में रहता था लॉकडाउन में वापस आया और उसने चंद्रराम से बताया कि अहमदाबाद के उमेडा आडेव आदिनाथ नगर में रहने वाले साहिल पंचा की शादी नहीं हो रही है।
उसे दुल्हन चाहिए, जिसके लिए वह रुपये देगा। इस पर चंद्रराम ने अपने पुत्र प्रिंस की पत्नी को ही बेचने की साजिश रच डाली। इसके तहत चंद्रराम ने प्रिंस को अपनी तबीयत खराब होने का हवाला देकर तीन जून को बहू को बुला लिया। पहले से तय साजिश के तहत रामू गौतम ने अहमदाबाद से साहिल व उसके कुछ रिश्तेदारों को दुल्हन देने के लिए बुला लिया था।
इसी बीच प्रिंस को अपने बहनाेई से इस साजिश की जानकारी मिली तो वह पांच जून को घर पहुंच गया, लेकिन वहां न उसकी पत्नी नहीं थी और न ही पिता। तलाशने के दौरान जानकारी हुई कि अहमदाबाद से आए लोग उसकी पत्नी को ले जा रहे हैं।
प्रिंस ने इसकी सूचना पुलिस को दी महिला थाना प्रभारी ने पुलिस टीम के साथ रेलवे स्टेशन से महिला को बरामद कर शादी करने आए युवक सहित आठ लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने बताया कि महिला को उसके ससुर ने यह कहकर आरोपितों के साथ भेजा था कि वह लोग उसे गाजियाबाद में पति प्रिंस के पास छोड़ देंगे। पुलिस ने बताया कि मामला मानव तस्करी का है इसमें फरार चंद्रराम व रामू गौतम की तलाश चल रही ।
प्रिंस ने पुलिस को बताया कि उसका पिता पहले भी लड़कियों की खरीद-फरोख्त कर चुका है । उसने बताया कि उसका पिता गोरखपुर देवरिया बिहार आदि स्थानों से लड़कियां खरीद के लाता है और शादी करने वाले लोगों को 40 से 50 हजार रुपए में उनके हाथ बेच देता है । पुलिस उसकी तलाश कर रही है।
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