यूपी में अब 10 मई तक बढ़ाया गया लॉकडाउन, जारी रहेंगी ये सख्त पाबंदियां...
यूपी में कोरोना संक्रमण के हालात को देखते हुए योगी सरकार ने लॉकडाउन सोमवार यानि 10 मई तक के लिए बढ़ा दिया है। अभी तक गुरुवार सुबह सात बजे तक ही बंद की घोषणा की गई थी पर स्थिति को मद्देनजर रखते हुए लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने योगी आदित्यनाथ (file photo) |
मुख्यमंत्री ने योगी आदित्यनाथ ने टीम-9 के साथ हुई बैठक में यह आदेश दिए। 29 अप्रैल को योगी सरकार ने प्रदेश में शुक्रवार शाम आठ बजे से मंगलवार सुबह सात बजे तक लॉकडाउन करने का निर्णय लिया था और फिर तीन मई को दो दिनों के लिए इसे और बढ़ा कर गुरुवार (6 मई) सुबह सात बजे तक कर दिया। अब इसे बढ़ाकर सोमवार यानी 10 मई सुबह सात बजे तक के लिए कर दिया है। सरकार के फैसले के अनुसार लॉकडाउन को चार दिन और बढ़ा दिया गया है। इस दौरान पूर्ण रूप से बंदी रहेगी, लेकिन जरूरी चीजों की दुकानें व जरूरी सेवाएं जारी रहेंगी।
कोरोना संक्रमण को बढ़ते देख मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार चिंता जता रहे हैं। कोविड का वर्तमान स्ट्रेन लगातार रूप बदल रहा है। यह पहली लहर की तुलना में 30 से 50 गुना अधिक संक्रामक है। बेकाबू कोरोना संक्रमण पर लगाम कसने के लिए सरकार अब धीरे-धीरे सख्ती बढ़ाती नजर आ रही है। दो दिन की साप्ताहिक बंदी को तीन दिन करने के बाद अब सरकार ने इसे 10 मई सुबह सात बजे तक के लिए कर दिया है।
इसके साथ ही प्रदेश सरकार ने मॉस्क न पहनने वालों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। बिना मास्क के बाहर निकलने वालों पर पहली बार एक हजार रुपये जुर्माना लिया जाएगा। दूसरी बार 10 गुना ज्यादा जुर्माना देना होगा। प्रदेश सरकार ने कोरोना प्रोटोकॉल कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री योगी ने अफसरों संग बैठक में कहा कि कोविड का वर्तमान स्ट्रेन लगातार रूप बदल रहा है। यह पहली लहर की तुलना में 30 से 50 गुना अधिक संक्रामक है। कुछ केस में देखा गया है कि कोविड टेस्ट में भी इसकी पुष्टि नहीं हो रही है, जबकि सी टी स्कैन में पता लग रहा कि लंग्स कोविड से प्रभावित हैं। ऐसे में हमें और सतर्कता के साथ काम करने की जरूरत है।
ग्रामीण इलाकों में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए बुधवार से घर-घर जांच अभियान शुरू हुआ। यह अभियान 9 मई तक चलेगा। इस दौरान गांव के हर व्यक्ति के बारे में जानकारी ली जाएगी, जिन लोगों में कोरोना के लक्षण होंगे अथवा जो दूसरे प्रदेश से लौट कर आए हैं उनकी कोविड जांच की जाएगी।
उधर, ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड-19 के संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए माइक्रो प्लान तैयार किया गया है। इसके लिए टीमें गठित कर दी गई हैं। हर टीम में 2 सदस्य होंगे। एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता तो दूसरा अध्यापक अथवा निगरानी समिति का सदस्य होगा। हर टीम को 1000 लोगों की जिम्मेदारी दी गई है। यह टीम गांव में जाएगी। लोगों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लेगी। परिवार में किसी को बुखार होगा तो उसे मेडिकल किट उपलब्ध कराएगी। जिन लोगों में कोरोना संक्रमित होने के लक्षण होंगे और दूसरे प्रदेश से गांव में आने वालों की कोरोना जांच की जाएगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग को करीब 10 लाख एंटीजन किट उपलब्ध कराया गया है। इसके अलावा अन्य लोगों की आरटी पीसीआर जांच के लिए सैंपल भेजा जाएगा।
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