यूपी विधानसभा: राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान विपक्ष का हंगामा, ट्रैक्‍टर-पेट्रोल की बोतलें लेकर पहुंचे विधायक

Last Updated 18 Feb 2021 11:58:35 AM IST

उत्तर प्रदेश विधानमंडल का बजट सत्र राज्यपाल के अभिभाषण के साथ ही शुरू हो गया है। बजट सत्र के पहले दिन ही राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का अभिभाषण बड़े हंगामे की भेंट चढ़ गया।




समाजवादी पार्टी के साथ बहुजन समाज पार्टी तथा कांग्रेस के नेताओं ने राज्यपाल के सामने प्रदर्शन किया और फिर सदन से वॉक आउट कर दिया। इस दौरान सपा कार्यकर्ताओं ने किसानों की समस्याओं, महंगाई और पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों को लेकर जबरदस्त हंगामा किया और नारेबाजी की। राज्यपाल अभिभाषण पढ़ती रहीं और सपाई हंगामा करते रहे। इन सबके बीच राज्यपाल ने अपना अभिभाषण जारी रखा।
 



हंगामे के बीच राज्यपाल ने अभिभाषण के दौरान कहा कि कोरोना काल में सरकार ने अच्छा काम किया है। इसको लेकर देश भर में प्रदेश सरकार की प्रशंसा की गई है। यहां हर जिले में आईसीयू की स्थापना हुई। प्रदेश मे एक्सप्रेस-वे तेजी से बनाए जा रहे हैं। नोएडा के जेवर में एशिया से सबसे बड़े एयरपोर्ट का निर्माण हो रहा है। प्रदेश में तय समय पर गेहूं व धान की सरकारी खरीद हुई है। इसके साथ ही बड़े पैमाने पर पुलिस में भर्तियां हुई। शिक्षकों की भर्ती भी रिकॉर्ड संख्या में हुई है।

इसके पहले गुरुवार सुबह विधानभवन के बाहर ही सपा व कांग्रेस के नेताओं ने महंगाई, किसानों व पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों को लेकर प्रदर्शन किया। सपा नेताओं ने विधानसभा में चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के पास बैठकर महंगाई और किसानों की समस्याओं को लेकर यूपी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

सपा कार्यकर्ता सदन के पहले दिन ट्रैक्टर से विधान भवन पहुंचे। वो ट्रैक्टर परिसर के अंदर ले जाना चाहते थे लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक दिया। जिसके बाद सपा कार्यकर्ता चैधरी चरण सिंह की प्रतिमा के पास जाकर बैठ गए। इस दौरान लगातार नारेबाजी होती रही।

वहीं, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के सदन पहुंचने पर उन्हें गार्ड आफ ऑनर दिया गया। उनके साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित मौजूद थे।

उधर सदन में बहुजन समाज पार्टी के सात बागी विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात की और अपने बैठने के स्थान के बारे में जानकारी प्राप्त की। बसपा के नौ विधायकों ने अलग बैठने की मांग की है। बसपा के पास अब सिर्फ छह विधायक बचे हैं।

नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि विधानमंडल के बजट सत्र में समाजवादी पार्टी किसान आंदोलन का मुद्दा प्रमुखता से उठाएगी। दिल्ली से सटी प्रदेश की सीमा (गाजीपुर बॉर्डर) पर किसानों के आंदोलन को 80 दिन से ज्यादा हो गए हैं। बॉर्डर पर कटीले तारों, कीलों व बड़े-बड़े पत्थरों से ऐसी बैरिकेडिंग की गई है मानों दुश्मन से लोहा लेने की तैयारी हो। सरकार ने लोकतांत्रिक मूल्यों को ताक पर रख दिया है। किसानों के खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं। किसानों को तबाह करने वाले कानून जबरन थोपे जा रहे हैं।
 

आईएएनएस
लखनऊ


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