सोशल मीडिया ने बदला बेघर अंकित का भविष्य

Last Updated 16 Dec 2020 01:54:02 PM IST

उसके पिता जेल में हैं, उसकी मां ने उसे अकेला छोड़ दिया है और उसे अपने गांव का नाम याद नहीं है। यह किसी फिल्म की कहानी नहीं, बल्कि एक नौ वर्षीय बेघर बच्चे अंकित की जिंदगी की कड़वी सच्चाई है।


पिछले कुछ साल से नौ साल का अंकित एक फुटपाथ पर रह रहा है और एक चाय स्टाल पर काम करके जिंदगी गुजार रहा है।

उसका एकमात्र दोस्त एक आवारा कुत्ता है, जिसे वह प्यार से डैनी बुलाता है।

दो हफ्ते पहले किसी ने अंकित और डैनी की एक तस्वीर साझा की थी, जिसमें वह एक दुकान के बाहर कंबल में अपने 'दोस्त' के साथ सोता नजर आ रहा था।

वह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और जिला प्रशासन ने लड़के की तलाश शुरू कर दी।

आखिरकार दो दिन पहले बच्चे का पता लगा लिया गया और अब वह जिला पुलिस की देखरेख में है।

मुजफ्फरनगर के एसएसपी अभिषेक यादव ने कहा, "अब वह मुजफ्फरनगर पुलिस की देखरेख में हैं। हम उसके परिवार का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं और उसकी तस्वीर आस-पास के जिलों के विभिन्न पुलिस थानों में भेज दी गई है। हमने जिला महिला एवं बाल कल्याण विभाग को भी अलर्ट कर दिया है।"

शहर कोतवाली के एसएचओ अनिल कपरवान ने कहा, अंकित एक स्थानीय महिला शीला देवी के साथ है, जिसे अंकित जानता है और 'बी' कहकर बुलाता है।

जब तक अंकित का परिवार मिल नहीं जाता, तब तक वह एक निजी स्कूल में पढ़ेगा। पुलिस द्वारा स्कूल प्रबंधन से अनुरोध करने के बाद स्कूल उसे मुफ्त शिक्षा देने के लिए सहमत हो गया है।

अंकित जहां काम करता था, उस चाय की दुकान के मालिक ने कहा कि कुत्ता डैनी कभी भी अपनी जगह से नहीं हिलता है। उन्होंने आगे कहा, "जब तक लड़का यहां काम करता, कुत्ता एक कोने में बैठा रहता। अंकित स्वाभिमानी है और कभी भी मुफ्त में कुछ नहीं लेता था, यहां तक कि अपने कुत्ते के लिए दूध भी नहीं।"

आईएएनएस
मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश)


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