बापू की जयंती पर यूपी में सियासत चरम पर

Last Updated 02 Oct 2019 04:59:30 PM IST

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के मौके पर उत्तर प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मियां उफान पर है।


बापू की जयंती पर यूपी में सियासत

सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा बुधवार को बुलाये गये 36 घंटों के राज्य विधानसभा के विशेष सत्र का प्रमुख विपक्षी दलों ने बहिष्कार किया है जबकि कांग्रेस शाहजहांपुर की बेटी को न्याय दिलाने के बहाने मौन पदया का आयोजन कर अपनी खोई राजनीतिक जमीन मजबूत करने की फिराक में है।

सूबे की 11 विधानसभा सीटों के लिये 21 अक्टूबर को होने वाले उपचुनाव से ठीक पहले समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता और कार्यकर्ता गांधी जयंती के मौके पर भजन गाकर बापू के सिद्धांतों पर चलने की कसमें खा रहे हैं।

विपक्ष की गैर मौजूदगी में विधानमंडल का विशेष सत्र को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विकास के मुद्दे पर चर्चा करने पर विपक्ष का पीछे कदम खीचना राष्ट्रपिता का अपमान है। बापू के नाम पर सत्ता पाने वाले राष्ट्रपिता के सिद्धांतों को भूल गये है और उनका सरासर अपमान कर रहे हैं। गरीबों के हक पर डकैती डालने वाले लोग आज चर्चा से भाग रहे हैं। गांधी जी ने जिन आदर्शो और मूल्यों को सबके सामने रखा आज कांग्रेस उसका बहिष्कार कर रही है। विपक्षी दलों ने विकास से मुंह मोड़ा है, इसीलिए जनता भी उनका साथ नहीं दे रही है।

उधर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा शाहजहांपुर में बलात्कार पीड़ित को न्याय दिलाने के लिये लखनऊ पहुंची और मौन पद यात्रा में भाग लिया। इससे पहले चिन्मयानंद प्रकरण को लेकर कांग्रेस के शाहजहांपुर से लखनऊ तक के मार्च को अनुमति नहीं दी गयी थी जिसके बाद पार्टी ने बदली रणनीति के तहत दो अक्टूबर को लखनऊ में पदयात्रा निकालने का एलान किया था।

पार्टी सूत्रो ने बताया कि पूर्वी उत्तर प्रदेश की महासचिव के आज लखनऊ में ठहरने का कार्यक्रम संभावित है हालांकि इस बारे में पक्की सूचना नही है। श्रीमती वाड्रा पदयात्रा के बाद पार्टी दफ्तर में कार्यकर्ताओं और नेताओं के संग बैठक कर सकती है।

शहीद स्मारक से शुरू हुये मौन जुलूस में श्रीमती वाड्रा के साथ बडी तादाद में कांग्रेसियों ने हिस्सा लिया। पदया जीपीओ स्थित गांधी प्रतिमा पर समाप्त होगी। कांग्रेस ने इसे आक्रोश पदया का नाम दिया है।



वहीं समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गांधी प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद कहा कि प्रदेश और देश की खुशहाली तभी हो सकती है, जब हम बापू के सिद्धांतों पर चलेंगे। उन्होने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और उस पार्टी की विचारधारा के लोग कभी महात्मा गांधी के आदशरें पर नहीं चले। भाजपा का महात्मा गांधी के आदर्शो से कुछ लेना देना नही है। भाजपा सिर्फ अपने राजनीतिक लाभ के लिये राष्ट्रपिता के नाम का इस्तेमाल कर रही है।

वार्ता
लखनऊ


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