यूपी में अफवाहों ने उड़ाई नींद, रात भर सड़कों पर रहे लोग
साल 2012 की दूसरी रात उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और कानपुर समेत राज्य के कई हिस्सों में दहशत लेकर आई.
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उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए सोमवार रात मुसीबत भरी रही. इस मुसीबत की खास बात यह रही कि इसमें यथार्थ के बजाय अफवाह हावी रहा.
रात दो बजे के बाद लोगों के फोन की घन्टी घनघनाने लगी... सोओगे तो पत्थर बन जाओगे. अभी भूकम्प आने वाला है. इस तरह के अफवाहों से परेशान लोग सड़कों पर आ गए. गांव में लोगों ने आग जलाई और समूह में बैठकर रात गुजारी.
लखनऊ, कानपुर, हरदोई, बाराबंकी, बनारस, रायबरेली, सुलतानपुर, प्रतापगढ़, फैजाबाद, भदोही, कन्नौज, बहराइच समेत राज्य के कई जिलों से इस तरह की अफवाह फैलने की सूचना है. सभी जगह लोग सड़कों पर निकल आए.
इसी दहशत में लोगों ने सड़कों पर जागकर ठिठुरन भरी रात काटी.
कई जगह दुआएं और भजन-कीर्तन होने लगा. कहीं लोग घरों के सामने दिए जलाने लगे. लोग एक दूसरे की कुशलक्षेम पूछते नजर आए.
हालांकि बहुत से लोग ऐसे भी थे जो इसे किसी की शरारत मान रहे थे लेकिन उनकी सुनने वाले कम ही थे. सुबह तक यही आलम रहा.
लोग डर के चलते अपने घरों में नहीं जा रहे थे. रोशनी बढ़ने के साथ लोग कुछ संभले और अपने घरों में गए.
राज्य पुलिस कन्ट्रोल रूम में भी रात भर लोगों के फोन आते रहे. कन्ट्रोल रूम के अनुसार इन अफवाहों को लेकर उनके फोन भी रात भर बजते रहे. यह अफवाह कहां से शुरू हुई और इन अफवाहों के पीछे क्या मकसद है फिलहाल इसका पता नहीं चल सका है.
मालूम हो कि पहली तारीख की रात भी बुलंदशहर, मैनपुरी, इटावा समेत कई जगह इस तरह की अफवाह फैली थी कि भूकंप आने वाला है. जमीन फटने वाली है.
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