अजमेर दरगाह शरीफ पर चढ़ाई गई PM मोदी की भेजी चादर, देश के लिए मांगी दुआ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती को भेजी गई चादर को केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार को अजमेर शरीफ दरगाह पर चढ़ा दिया।
|
किरेन रिजिजू के साथ भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी भी मौजूद थे।
यह 11वीं बार है, जब पीएम मोदी की तरफ से अजमेर स्थित ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पर चादर पेश की गई है।
पीएम मोदी की तरफ से भेजी गई चादर को दरगाह में चढ़ाने के लिए शनिवार सुबह पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए। इस दौरान केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू और जमाल सिद्दीकी ने दरगाह में चादर पेश की और देश के लिए दुआ मांगी।
चादर पेश करने के बाद उन्होंने दरगाह के बुलंद दरवाजे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से भेजा गया संदेश पढ़कर जायरीनों को सुनाया। अपने संदेश में पीएम मोदी ने सभी को उर्स की मुबारकबाद देते हुए देश व दुनिया में अमन चैन व भाईचारे की कामना की।
उल्लेखनीय है कि पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से अजमेर दरगाह को भेंट की गई चादर को लेकर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू, बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने शुक्रवार को दिल्ली की निजामुद्दीन औलिया दरगाह व हजरत कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी की दरगाह पहुंच कर जियारत की थी। इसके बाद आज सुबह अजमेर स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह पर चादर पेश की गई है।
28 दिसंबर 2024 को अजमेर दरगाह पर झंडे की रस्म अदा की गई थी। ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पर झंडे की रस्म को भीलवाड़ा का गौरी परिवार पूरा करता है।
गौरी परिवार के अनुसार, यह परंपरा काफी साल से चली आ रही है। साल 1928 से फखरुद्दीन गौरी के पीर-मुर्शिद अब्दुल सत्तार बादशाह ने झंडे की रस्म को शुरु किया था। इसके बाद 1944 से उनके दादा लाल मोहम्मद गौरी को यह जिम्मेदारी सौंपी गई। उनके निधन के बाद साल 1991 से उनके बेटे मोईनुद्दीन गौरी ने इस रस्म को निभाया। साल 2007 से फखरुद्दीन गौरी इस रस्म को अदा कर रहे हैं।
इससे पहले रीजीजू ने सड़क मार्ग से अजमेर रवाना होने से पहले यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘प्रधानमंत्री का संदेश है कि देश को भाईचारे के साथ और एकजुट रहना चाहिए तथा साथ मिलकर काम करना चाहिए।...मैं इसी संदेश के साथ अजमेर दरगाह जा रहा हूं।’’
हवाई अड्डे पर भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा के राज्य नेताओं ने उनका स्वागत किया।
उन्होंने जयपुर हवाई अड्डा पहुंचने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘उर्स के इस पावन अवसर पर हम चाहते हैं कि देश में अच्छा माहौल बने। कोई भी ऐसा काम न करे जिससे हमारे देश का सौहार्द बिगड़े।’’
रीजीजू ने कहा कि दरगाह पर हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, पारसी, बौद्ध या जैन सभी का स्वागत है।
मंत्री ने कहा कि दरगाह पर लाखों लोग आते हैं और लोगों को किसी तरह की परेशानी नहीं होनी चाहिए तथा वहां प्रक्रिया सरल होनी चाहिए।
दरगाह का निर्माण शिव मंदिर के ऊपर किए जाने का दावा करने वाली याचिका के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने कहा, ‘‘मैं सिर्फ चादर चढ़ाने आया हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं यहां किसी को कुछ दिखाने या बताने नहीं आया हूं। मैं देश के लिए (प्रधानमंत्री का) संदेश लेकर जा रहा हूं कि हमारे देश में सभी लोग सकुशल रहें।’’
अजमेर की एक अदालत ने नवंबर में यह याचिका स्वीकार की थी जिसमें दावा किया गया है कि दरगाह का निर्माण शिव मंदिर के ऊपर किया गया था और अदालत ने अजमेर दरगाह समिति, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को नोटिस जारी किए थे।
याचिकाकर्ता एवं हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने अनुरोध किया था कि प्रधानमंत्री इस बार चादर न भेजें।
ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की बरसी पर अजमेर दरगाह पर 'उर्स' का आयोजन किया जाता है। प्रधानमंत्री हर साल दरगाह पर चादर चढ़ाते हैं।
| Tweet |