ED पर राजस्थान के मुख्यमंत्री Ashok Gahlot की मेहरबानी क्यों?
राजस्थान में एक तरफ रीट और आरपीएससी पेपर लिक की जांच प्रवर्तन निदेशालय कर रहा है। राजस्थान के आधे दर्जन जिलों में लगभग 27 ठिकानों पर छापेमारी की गई है, तो दूसरी तरफ ईडी पर राजस्थान सरकार की मेहरबानी भी देखने को मिल रही है।
ashok gahlot |
राजस्थान सरकार ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के क्षेत्रीय कार्यालय के पंजीकरण शुल्क को माफ कर दिया है। हाल ही में इससे जुड़ा नोटिफिकेशन राज्य वित्त विभाग ने जारी किया था। जिसमें ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय के लीज डीड पर पंजीकरण शुल्क माफ करने की अधिसूचना का जिक्र था। जयपुर के झालाना औद्योगिक क्षेत्र में ईडी का क्षेत्रीय कार्यालय है। जहां कई केंद्रीय और राज्य विभागों के ऑफिस भी हैं।
ईडी ने वित्त विभाग को जोनल ऑफिस बिल्डिंग के पंजीकरण शुल्क को माफ करने से जुड़ा प्रस्ताव भेजा था। प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए वित्त विभाग ने शुल्क माफ करने से जुड़ा नोटिफिकेशन जारी कर दिया।ईडी के जोनल ऑफिस बिल्डिंग का पंजीकरण शुल्क उस समय माफ किया गया है, जब पेपर लीक मामले में ईडी की छापेमारी को लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है।
आपको बता दें कि वित्त विभाग मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास है। आमतौर पर राज्य सरकार केंद्रीय और राज्यों के कार्यालयों के लिए सस्ती दर पर जमीन उपलब्ध कराती है। इसके साथ ही कई तरह के शुल्क भी माफ करती है।केंद्रीय और राज्यों के विभाग छूट के लिए सरकार के पास प्रस्ताव भेजते हैं, जिसे वित्त विभाग मंजूरी देता है। यहां बता दें कि ईडी अब तक पेपर लीक मामले में जयपुर, अजमेर, जोधपुर,बाड़मेर,उदयपुर, जालौर और सिरोही जिले के 27 ठिकानों पर छापेमारी कर चुकी है। उम्मीद की जा रही है कि बहुत जल्दी ही ईडी पेपर लीक मामले में शामिल लोगों को गिरफ्तार कर इसका खुलासा कर सकती है।
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