नासिक में सतपीर दरगाह पर चला बुलडोजर, हाईकोर्ट के आदेश पर की गई कार्रवाई
महाराष्ट्र के नासिक में मंगलवार को अवैध निर्माण हटाने के दौरान हिंसक झड़प में 21 पुलिसकर्मी घायल हो गए। नासिक महानगरपालिका ने बुलडोजर कार्रवाई की, जिसका भारी विरोध किया गया। भारी संख्या में जुटे लोगों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले भी छोड़ने पड़े।
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हाईकोर्ट के आदेशानुसार यह कार्रवाई की गई, लेकिन जैसे ही इसे अंजाम देने की शुरुआत हुई, भीड़ ने इसका तीव्र विरोध किया। इसके बाद, मंगलवार रात हाईकोर्ट के निर्देशानुसार दरगाह ट्रस्टियों ने दरगाह को खुद हटाने की प्रक्रिया शुरू की थी।
इसी दौरान बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए और उन्होंने विरोध करना शुरू कर दिया। स्थिति तब और बिगड़ गई जब उग्र भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। इतना ही नहीं, भीड़ ने उन मुस्लिम नेताओं पर भी हमला किया जो लोगों को शांत कराने पहुंचे थे।
स्थिति को काबू में करने और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। इस दौरान आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए। इस हिंसा में कुल 21 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं और पुलिस के तीन वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं। काफी मशक्कत के बाद स्थिति पर नियंत्रण पाया जा सका।
बुधवार सुबह दरगाह को पूरी तरह से गिरा दिया गया। इस घटना को लेकर प्रशासन ने एफआईआर दर्ज कर ली है और आरोपियों की पहचान कर गिरफ्तारी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जोन-1 के अधिकारी, सभी डीसीपी, एसीपी, वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक व अन्य स्टाफ को उनके प्रयासों के लिए बधाई दी गई है।
इस कार्रवाई के मद्देनजर पुलिस से भी काफी बंदोबस्त कर रखा था। दरगाह के पास सड़कों पर हर तरफ भारी पुलिस बल की तैनाती की गई थी।
नगरपालिका ने 1 अप्रैल को अदालत के आदेश के बाद एक अनधिकृत निर्माण पर नोटिस दिया था, जिसमें कहा गया था कि यदि निर्माण को स्वयं नहीं हटाया गया तो प्रशासन उचित कार्रवाई करेगा। 15 दिन तक इस दिशा में कुछ नहीं किया गया तो बुलडोजर कार्रवाई को अंजाम दिया गया।
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